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सर्दियों में जोड़ों के दर्द से कैसे बचें।

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सर्दियां शुरू होने से ही इससे जुड़ी बीमारियां भी होने लगती हैं। बगल के जोड़ों का दर्द भी शामिल है। इसके कारण व्यक्ति को चलते-चलते सीढ़ियां उतर जाती हैं या अभ्यास करते समय दर्द का सामना करना पड़ सकता है। अधिकतर मामलों में बढ़ती उम्र और हड्डियों की कमजोरी ही इसके मुख्य कारणों में शामिल है, लेकिन अगर आपको जंक फूड की आदत है, तो आपको लंबे समय तक यह समस्या बने रहने का खतरा हो सकता है। डाइट में कुछ जबरदस्त बदलाव करके आप जोड़ों के दर्द (जोड़ों का दर्द) में जल्द ही रोक लगा सकते हैं।


हेल्थ कैमरा के इस लेख में आज हम आपको दिखाते हैं कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए आपको किन चीजों का जादू दिखाना शुरू करना चाहिए।

लेकिन सबसे पहले जानते हैं इस समस्या के कुछ अनदेखे कारण (जोड़ों के दर्द के कारण) –

कई बार लगातार कठिन परिश्रम करने या तुरंत शरीर में अकड़न होने से भी जोड़ों में दर्द हो सकता है। लेकिन अगर लंबे समय से आपके साथ यह समस्या बनी हुई है, तो कुछ गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी इसके कारण हो सकती हैं।

मायो क्लिनिक की जांच के अनुसार हड्डियों के कैंसर के साथ हड्डियों का टूटना, लाइम डिजीज, अर्थराईटिस, मांसपेशियों में खिंचाव या हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी इसके कारण हो सकती हैं।

क्या रेक है

अर्थराईटिस फ़ाउंडेशन की एक समीक्षा में सामने आया कि जोड़ों की समस्या में मेडिटेरियन डाइट सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। क्‍योंकि ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल रहने के साथ क्रॉनिक डिजीज, जोड़ों की समस्‍याएं, अर्थरायटिस और वजन प्रभाव में भी मदद कर सकता है।

मेडिटेरियन डाइट में पोषक तत्वों की भरपूर चीजें जैसे फल, अंगूर, अंगूर के दाने, ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने के साथ सेचुरेटेड वसा वाली चीजों और जंक पर रोक लगाना जरूरी है।


अब जानिए इस समस्या से बचने के लिए अपने आहार में इसी को अपनाना चाहिए –

पत्तेदार सब्जी खायेन
हरी त्वचा को अपने आहार में शामिल करना शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। चित्र: एक्सपोजर

1. नाम शामिल करें

मौसम के हिसाब से हरी त्वचा को अपनी डाइट में शामिल करना शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप ब्रोकली, गोभी, पालक, मेथी आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा लहसुन को जोड़ों के दर्द के लिए भी लाभ माना जाता है।

पबमेड सेंट्रल के एक खोज में सामने आया है कि लहसुन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होने के साथ दर्द से राहत देने वाले तत्व पाए जाते हैं, जो आपके जोड़ों की दर्द की स्थिति में जल्द राहत पहुंचा सकते हैं।

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2. मांसपेशियों में शामिल हों

एक हेल्दी डाइट में मांसपेशियों की सही मात्रा का होना भी बेहद जरूरी है, जहां अधिक मात्रा में मसल्स का सेवन पेट और त्वचा से जुड़ी समस्या का कारण बनता है। उसी तरह सही मसल्स का अर्थ राईटिस जैसी स्थिति से भी ठीक हो सकता है। ऐसे में एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर मांसपेशियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।


2006 में हुई एरिजोना की मेडिकल स्टडी में सामने आया कि हल्दी जोड़ों का दर्द और अर्थराईटिस में असर साबित हो सकता है।

ग्रीन टी लेने के फायदे
ग्रीन टी लेने की आदत से आपको जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है। चित्र: एक्सपोजर

3. ग्रीन टी को अपनी आदत बनाएं

सुबह ही बढ़ी हुई ग्रीन टी लेने की आदत से आपको जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है। रैकेटाक के अनुसार ग्रीन टी का सेवन बेहतर बनाने के साथ जोड़ों के दर्द को प्रभावित करता है। ग्रीन टी के पोलिटिकल गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं जिससे यह एक थेरेपी भी साबित हो सकती है।

4. मछली का तेल असरदार होगा

नॉन वेज अपशन में अंडे और मछली के साथ फिश ऑयल के गुण भी साबित हो सकते हैं। इसमें आवश्यक पोषक तत्वों के साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह बात 2008 में साबित हुई, जिसमें एक ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति भी सामने आया, जिसमें मछली के तेल को कार्डियोवस्कुलर हेल्थ के साथ जोड़ों के दर्द के लिए भी लिया गया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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