
अमेरिकी सेना की हिंद-प्रशांत आदेश ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि घटना 21 दिसंबर को हुई थी, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का जे-11 विमान अमेरिकी वायुयान द्वारा संचालित बड़े टोही विमान आरसी-135 के सामने छह मीटर की दूरी से गुजरा।
अमेरिकी सेना ने कहा है कि चीनी नौसेना के लड़ाकू विमान ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर अमेरिकी घुसपैठ के एक तोही विमान के पास खतरनाक तरीके से उड़ान भरी लेकिन अमेरिकी पायलट ने अपने चक से दोनों को अस्पष्ट से बचा लिया। अमेरिकी सेना की हिंद-प्रशांत आदेश ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि घटना 21 दिसंबर को हुई थी, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का जे-11 विमान अमेरिकी वायुयान द्वारा संचालित बड़े टोही विमान आरसी-135 के सामने छह मीटर की दूरी से गुजरा।
कंजेंस में कहा गया है कि अमेरिकी विमान ‘कानून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर के ऊपर नियमित अभियान पर था।’ इसके मुताबिक, अमेरिकी विमान के पायलट ने अपने रास्ते के जरिए दोनों विमानों को प्लेऑफ से बचा लिया। चीन दक्षिण चीन सागर को अपना क्षेत्र आता है और इसमें फ्लाइट भरने वाले अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की जटिलताएं रहती हैं। इस तरह के व्यवहार के कारण 2001 में एक हवाई टक्कर हुई जिसमें एक चीनी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और पायलट की मौत हो गई।
बयानों में कहा गया है, “अमेरिकी हिंद-प्रशांत संयुक्त बल एक मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्ध है। वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी जहाजों और विविधता की सुरक्षा के लिए उचित सम्मान के साथ अंतरराष्ट्रीय समुद्री और हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने एवं शिप जारी चलते हुए।” इसमें कहा गया है, “हम उम्मीद करते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देश अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र का सुरक्षित और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार उपयोग करेंगे।” चीन दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी सैन्य दौलत की उपस्थिति पर गहरी नाराजगी जताता है और नियमित रूप से उसके जहाजों और अलग-अलग क्षेत्रों में रहना चाहता है।
अमेरिका का कहना है कि वह दक्षिण चीन सागर में और उसका ऊपर का काम पूरा हकदार है और चीनी चिह्न की अनदेखी करता है। इस पर अमेरिका-चीन के साझेदारों के बावजूद ऐसी खतरनाक घटनाएं सामने आती हैं। अमेरिका और अन्य देशों ने भी चीन पर पूर्वी चीन सागर में चीनी तट से आगे और ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ तक सैन्य जहाजों और जहाजों को परेशान करने का आरोप लगाया है, जहां चीन एक नौसैनिक बंदरगाह का संचालन करता है।
चीन की रिश्तेदार कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा पीएलए की नवीनतम अमेरिकी शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कोई विवरण नहीं दिया, लेकिन अमेरिका पर अपने निगरानी अभियान के साथ “चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा” पैदा करने का आरोप लगाया। वांग ने शुक्रवार को अपनी डेली ब्रीफिंग में कहा, “चीन स्थिरता से अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी उपाय जारी रखना और क्षेत्रीय देशों के साथ दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता की निगरानी से बचाव करने के लिए काम करेगा।”
वांग ने ताइवान को अमेरिका द्वारा हथियार सीधे जाने पर नए सदस्यों से चिंता जाहिर की। चीन से बढ़ते सैन्य खतरों को देखते हुए अमेरिका ने इस हफ्ते ताइवान को 18 करोड़ अमेरिकी डॉलर की एंटी-टैंक सिस्टम की बिक्री को मंजूरी दी। वांग ने कहा कि अमेरिका को “ताइवान के साथ कमजोर बिक्री और सैन्य संपर्क बंद करना चाहिए और ताइवान जलडमरू के बीच में तनाव पैदा करने वाले नए कारक पैदा करना बंद करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “चीन अपनी संप्रभुता और जोखिम संबंधों की झलकियों से बचाव करने के लिए तैयार कदम उठाएंगे।
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