छत्तीसगढ़

एनएमडीसी का मुख्यालय अब भी हैदराबाद क्यों? — कांग्रेस ने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) को लेकर सौतेले व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने रायपुर स्थित एनएमडीसी के ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (GEC) को बंद करने और उसका स्थानांतरण हैदराबाद किए जाने को छत्तीसगढ़ विरोधी षड्यंत्र करार दिया है।

उन्होंने कहा कि एनएमडीसी का 80% मुनाफा छत्तीसगढ़ से होने के बावजूद उसका मुख्यालय अब भी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में है, जिससे छत्तीसगढ़ को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ता है। वर्मा ने पूछा, “जमीन हमारी, खनिज हमारा, उत्पादन हमारे संसाधनों से – फिर भी टैक्स और नौकरियां हैदराबाद वालों को?”

GEC को बंद करने की तैयारी, भाजपा नेता मौन क्यों?

वर्मा ने कहा कि 2008 में रायपुर में एनएमडीसी के ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर की स्थापना की गई थी, लेकिन अब भाजपा सरकार उसे बंद कर हैदराबाद के पास पटांचेरु में भव्य भवन बनाकर स्थानांतरित करने की तैयारी में है। उन्होंने सवाल उठाया कि “छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता, सांसद और राज्य सरकार इस पर चुप क्यों हैं?”

उन्होंने बताया कि रायपुर स्थित GEC का सालाना खर्च 10 करोड़ रुपये से भी कम है, जबकि केवल छत्तीसगढ़ से ही एनएमडीसी को हजारों करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा होता है।

छत्तीसगढ़ को नुकसान, तेलंगाना को लाभ

कांग्रेस प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि मुख्यालय हैदराबाद में होने से एनएमडीसी का कॉर्पोरेट टैक्स, जीएसटी राज्यांश, वेतन-व्यय और तमाम प्रशासनिक लाभ तेलंगाना को मिलते हैं। जबकि खदानें, उत्पादन और कच्चा माल छत्तीसगढ़ से आता है।

उन्होंने कहा कि रायपुर में एनएमडीसी को मुख्यालय निर्माण के लिए आवंटित ज़मीन आज भी खाली पड़ी है, लेकिन उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। इसके विपरीत हैदराबाद के निकट 1000 करोड़ रुपये की लागत से नया मुख्यालय भवन प्रस्तावित है।

विनियोग का ब्योरा: छत्तीसगढ़ से कमाई, बाहर खर्च

कांग्रेस नेता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के संसाधनों से कमाई करके एनएमडीसी निम्नलिखित खर्च कर रही है:

  1. पटांचेरु (तेलंगाना) में 1000 करोड़ का मुख्यालय भवन

  2. विजाग (आंध्र प्रदेश) में 2500 करोड़ का ब्लेंडिंग यार्ड

  3. हैदराबाद के लर्निंग सेंटर पर 10 करोड़

  4. पटांचेरु के R&D केंद्र के पुनर्निर्माण पर 10 करोड़

  5. पलोंचा (तेलंगाना) के मृतप्राय स्पंज आयरन प्लांट के पुनरुद्धार पर 50 करोड़

  6. लालपुर के सिलिका सैंड प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़

  7. कोलकाता, वायजाग, बेंगलुरु में रीजनल ऑफिस के लिए 80 करोड़

  8. दुबई, सिडनी, अहमदाबाद में 100 करोड़ के नए कार्यालय खोलने की तैयारी

भर्ती प्रक्रिया में भी छत्तीसगढ़ की उपेक्षा

वर्मा ने आरोप लगाया कि एनएमडीसी की अधिकांश भर्तियों की प्रक्रिया हैदराबाद से संचालित होती है, और छत्तीसगढ़ के युवाओं को कोई प्राथमिकता नहीं दी जाती। “पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनएमडीसी की भर्ती परीक्षा नागपुर की जगह जगदलपुर और दंतेवाड़ा में करवाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इन प्रयासों को बंद कर दिया,” उन्होंने कहा।

मुख्यालय रायपुर लाने का प्रस्ताव 1998 से लंबित

कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में सर्वसम्मति से रायपुर में एनएमडीसी मुख्यालय स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसकी अनुशंसा केंद्र को भेजी गई थी। उन्होंने कहा कि अब वह मांग और भी प्रासंगिक है, क्योंकि रायपुर में आवश्यक आधारभूत सुविधाएं मौजूद हैं।

भाजपा नेताओं को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने मांग की है कि भाजपा के नेता, सांसद और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं कि एनएमडीसी का मुख्यालय रायपुर स्थानांतरित किया जाए तथा छत्तीसगढ़ के युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जाए।

 कांग्रेस ने इसे “छत्तीसगढ़ के संसाधनों का शोषण और संस्थागत अन्याय” बताते हुए राज्य के लोगों से इस मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछने की अपील की है।

 


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