छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में ट्रॉमा देखभाल को मिलेगा नया आयाम, ICATT एयर एंबुलेंस सेवा जल्द शुरू करने की योजना

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ में अब गंभीर सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में पीड़ितों को “गोल्डन आवर” यानी पहले 30 मिनट के भीतर उन्नत चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। बेंगलुरु स्थित ICATT (International Critical Care Air Transfer Team) ने राज्य सरकार के साथ चर्चा कर एयर एंबुलेंस सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। यह हेलीकॉप्टर आधारित इमरजेंसी सेवा अमेरिका, यूके और यूरोप के मानकों पर आधारित होगी और राज्य में ट्रॉमा देखभाल को नया आयाम देगी।

2 अगस्त को होगी ‘फ्लाइंग ICU’ की लाइव डेमो
रायपुर के रामपुर स्थित मेफेयर पाउंट में 2 अगस्त को सुबह 11 बजे ICATT की ओर से एक लाइव डेमो आयोजित किया जाएगा। इस दौरान हेलीकॉप्टर आधारित ICU एयर एंबुलेंस के जरिए यह दिखाया जाएगा कि कैसे ट्रॉमा पीड़ितों को 30 मिनट के भीतर उन्नत चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सकती है।

मध्यप्रदेश में चल रही है सफल सेवा, अब छत्तीसगढ़ की बारी
ICATT वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से PM श्री एयर एंबुलेंस सेवा चला रहा है, जिसमें 55 जिलों को कवर करते हुए ट्रॉमा पीड़ितों को मुफ्त एयरलिफ्ट किया जा रहा है। यह सेवा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्थानीय प्रशासन, फायर ब्रिगेड और पुलिस के साथ समन्वय में कार्य करती है।

नक्सल क्षेत्रों में भी किया है सफल ऑपरेशन
ICATT ने अपने पूर्व अभियानों में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा के दौरान घायल सीआरपीएफ जवानों का सफल एरो-मेडिकल रेस्क्यू ऑपरेशन किया था। इसकी टीम अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों और प्रशिक्षित डॉक्टरों से लैस होती है, जिन्हें FAM (फेलोशिप इन एरोमेडिकल साइंसेज) के तहत विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

संस्थापक का कहना — भारत में ‘HEMS’ की जरूरत अत्यधिक
ICATT के संस्थापक निदेशक डॉ. राहुल सिंह सरदार और डॉ. शालिनी नलवड ने कहा —

“HEMS (Helicopter Emergency Medical Services) भारत जैसे देश में अत्यावश्यक है, जहां सड़क दुर्घटनाओं में 2024 में 1.80 लाख मौतें दर्ज की गईं। हम मानते हैं कि अगर एयर एंबुलेंस सेवा को सुनियोजित तरीके से लागू किया जाए, तो भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50% तक घटाया जा सकता है।”

क्या है ICATT की ‘फ्लाइंग ICU’ की खासियत?

  • हेलीकॉप्टर/विमान को ICU बुनियादी ढांचे और सर्जिकल उपकरणों से लैस किया गया है।
  • एरो-मेडिकल कमांडो के रूप में प्रशिक्षित डॉक्टर और पैरामेडिक्स।
  • क्रैश साइट पर तुरंत चिकित्सा हस्तक्षेप — जैसे फील्ड एनेस्थीसिया, इंटुबेशन आदि।
  • केवल 30 मिनट में — एक्सीडेंट साइट से अस्पताल तक की क्रिटिकल प्रक्रिया।

केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से हो सकता है क्रांतिकारी बदलाव
डॉ. सरदार और डॉ. नलवड का मानना है कि सरकारों के सहयोग से एकीकृत आपातकालीन नेटवर्क बनाकर पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस को एक छत के नीचे लाया जा सकता है। इससे देश के ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता की पहुँच आसान होगी।

छत्तीसगढ़ में अगर यह योजना अमल में लाई जाती है, तो यह ट्रॉमा देखभाल और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में एक ऐतिहासिक कदम होगा। खासकर राजमार्गों, नक्सल क्षेत्रों और दूरस्थ ग्रामों के लिए यह जीवन रक्षक साबित हो सकता है। 2 अगस्त को रायपुर में प्रस्तावित लाइव डेमो से इसकी दिशा और नियति तय हो सकती है।

 


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