छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

पहले से जेल में बंद पंचायत सचिव पर एक और घोटाले का खुलासा, रसेड़ा पंचायत में 3.73 लाख की वित्तीय गड़बड़ी उजागर

UNITED NEWS OF ASIA. हितेश पाण्डे, जांजगीर-चांपा । पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। पहले से ही कोटमीसोनार पंचायत में ₹25 लाख से अधिक के गबन और धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में जेल में बंद ग्राम पंचायत सचिव ईलाही मोहम्मद कुरैशी पर अब एक और घोटाले का खुलासा हुआ है। ग्राम पंचायत रसेड़ा में 3.73 लाख रुपये की शासकीय राशि के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है, बावजूद इसके अब तक न तो सचिव को बर्खास्त किया गया है और न ही ठोस कार्रवाई की गई है।

जांच रिपोर्ट में खुलासा – नहीं दे सका खर्च का वैध दस्तावेज

जनपद पंचायत अकलतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित जांच समिति ने 15वें वित्त आयोग (2024-25) की राशि के उपयोग की जांच की। समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि सचिव ईलाही कुरैशी 3.73 लाख रुपये की राशि के संबंध में कोई वैध दस्तावेज या बिल प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे शासकीय निधि के गबन की पुष्टि हुई है।

सरपंच-उपसरपंच ने दर्ज कराई शिकायत, एफआईआर की मांग

ग्राम पंचायत रसेड़ा की सरपंच जानकीबाई और उपसरपंच गणेशराम ने अकलतरा थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और सचिव के विरुद्ध एफआईआर की मांग की है। शिकायत की प्रतिलिपि कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला पंचायत सीईओ को भी भेजी गई है।

पहले से चल रही है जेल की सजा, फिर भी प्रशासन मौन

ईलाही कुरैशी को पहले ही 10 जून 2025 को कोटमीसोनार पंचायत में ₹25.13 लाख के गबन और व्हाट्सएप ग्रुप में भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस पर IPC की धारा 420, 409, 34 और BNS की धारा 299 के तहत मामला दर्ज है। पूछताछ के दौरान उसने दोनों ही मामलों में अपराध स्वीकार कर लिया था। बावजूद इसके, केवल निलंबन की कार्यवाही हुई है, जबकि बर्खास्तगी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है।

ग्रामीणों में आक्रोश, हर पंचायत की जांच की उठी मांग

रसेड़ा पंचायत में तीसरे घोटाले के उजागर होने के बाद ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सचिव ने जहां-जहां पदस्थापना पाई, उन सभी पंचायतों में वित्तीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह घोटाला सुनियोजित और व्यापक स्तर पर हो सकता है।

प्रशासन ने जताई अनभिज्ञता

मामले को लेकर जब जिला पंचायत के सीईओ गोकुल रावटे से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायत की जानकारी नहीं है, लेकिन शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

विशेष टिप्पणी: यह मामला छत्तीसगढ़ की ग्रामीण प्रशासन व्यवस्था में लचर निगरानी व्यवस्था और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को रेखांकित करता है। आवश्यकता इस बात की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर पंचायत व्यवस्था में जनता का विश्वास बहाल किया जाए।

 


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