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बैंक राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ पर AIBOC छत्तीसगढ़ इकाई ने “साइबर सुरक्षा और साइबर क्राइम” पर कार्यशाला आयोजित की

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । देश में बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ के अवसर पर आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (AIBOC) छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा एक विशेष “साइबर जागरूकता कार्यशाला” का आयोजन किया गया। आज के डिजिटल युग में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन रायपुर पुलिस के साइबर सेल के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीएसपी (क्राइम)  संजय सिंह रहे, जिन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में साइबर अपराध के कई नए और जटिल तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने ट्राई फोन फ्रॉड, फर्जी कस्टम/पार्सल मामले, डिजिटल अरेस्ट, फैमिली मेंबर की गिरफ्तारी का झांसा, ऑनलाइन जॉब व ट्रेडिंग स्कैम, फर्जी लॉटरी, केवाईसी एक्सपायरी और गलती से ट्रांसफर की गई राशि जैसे प्रचलित ठगी के तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

AIBOC: एक जिम्मेदार ट्रेड यूनियन की भूमिका में

AIBOC छत्तीसगढ़ इकाई के राज्य सचिव  वाई. गोपालकृष्णा ने बताया कि बैंक राष्ट्रीयकरण ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा:

आज देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास 140 लाख करोड़ से अधिक की जमाराशि है, और सभी 12 राष्ट्रीयकृत बैंक लाभ में हैं।

उन्होंने बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर सार्वजनिक बैंकों की रक्षा करने, बैंकों के निजीकरण का विरोध करने, और आम जनता को उत्कृष्ट सेवा देने का संकल्प लेने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि AIBOC ग्राहकों और बैंक कर्मियों में जागरूकता फैलाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

ग्राहकों को दी गई महत्वपूर्ण सावधानियाँ

कार्यशाला में उपस्थित बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों को निम्नलिखित सावधानियों और सुझावों से अवगत कराया गया:

  • अनजान नंबरों से आए कॉल या लिंक पर क्लिक न करें

  • केवाईसी अपडेट के नाम पर किसी को ओटीपी या बैंक डिटेल न दें

  • डिजिटल अरेस्ट, लॉटरी या कस्टम पार्सल जैसे झूठे प्रलोभनों में न फंसें

  • किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 पर तत्काल संपर्क करें

  • बैंक की ओर से कोई भी संवेदनशील जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती

डीएसपी श्री संजय सिंह ने कहा कि साइबर अपराध इस सदी का नया और सबसे तेजी से फैलता हुआ अपराध है, और इससे निपटने के लिए पुलिस के साथ-साथ बैंक अधिकारीयों की भूमिका भी बेहद अहम है। उन्होंने AIBOC की इस पहल को “समय की जरूरत” बताया और ऐसे आयोजनों की नियमितता पर बल दिया।

उपसंहार

कार्यशाला में उपस्थित बैंक अधिकारीगण, ग्राहकों और आम नागरिकों को डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के व्यावहारिक सुझाव दिए गए। अंत में AIBOC की ओर से साइबर सेल टीम का आभार प्रकट किया गया और भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता पहलों को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।

मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • आयोजन: AIBOC छत्तीसगढ़ द्वारा साइबर क्राइम पर कार्यशाला

  • अवसर: बैंक राष्ट्रीयकरण की 56वीं वर्षगांठ (19 जुलाई 2025)

  • सहयोग: रायपुर पुलिस साइबर सेल

  • मुख्य अतिथि: डीएसपी क्राइम संजय सिंह

  • उद्देश्य: साइबर धोखाधड़ी से बचाव, ग्राहक एवं अधिकारी जागरूकता

  • संदेश: डिजिटल सावधानी = आर्थिक सुरक्षा

AIBOC का यह प्रयास वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

 


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