
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | कवर्धा जिले में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कैरियर गाइडेंस व काउंसलिंग कार्यक्रम ने छात्राओं को भविष्य के लिए नई दिशा देने का कार्य किया। यह आयोजन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तथा शासकीय राजमाता विजियाराजे सिंधिया महाविद्यालय, कवर्धा में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों एवं विषय विशेषज्ञों ने छात्राओं को अपने लक्ष्य तय करने, उन्हें पाने की रणनीति और आत्मनिर्भर बनने के विविध आयामों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।
दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत, संकल्प से मिली प्रेरणा
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जहां अतिथियों ने बालिकाओं को ज्ञान की रोशनी से अपने जीवन को प्रकाशित करने का संदेश दिया।
अपर कलेक्टर मुकेश कुमार रावटे ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में कहा—
“दृढ़ संकल्प, अनुशासन और निरंतर प्रयास ही सफलता की असली कुंजी है। जीवन में कठिनाइयाँ जरूर आएँगी, लेकिन उनसे हार मानना नहीं है।”
‘लक्ष्य तय करें, रास्ता खुद बन जाएगा’ – डॉ. मोनिका कौड़ो
अपर कलेक्टर डॉ. मोनिका कौड़ो ने छात्राओं को अपने जीवन का स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा—
“कड़ी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से हर सपना साकार हो सकता है। बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनना ही आज का सबसे बड़ा संकल्प होना चाहिए।”
प्रशिक्षण और जानकारी से मिलेगा आत्मबल
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी चंचल यादव ने छात्राओं को शैक्षणिक और व्यावसायिक विकल्पों की जानकारी देते हुए सिविल सेवा, विषय चयन और टाइम मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक सुझाव साझा किए।
कार्यक्रम में उपस्थित अजय चंद्रवंशी (सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी) ने कहा—
“आज की बालिकाएं सौभाग्यशाली हैं जिन्हें प्रारंभिक स्तर पर ही दिशा निर्देश मिल रहा है। यह भविष्य निर्माण की मजबूत नींव है।”
विषय विशेषज्ञों से मिला समग्र मार्गदर्शन
कार्यक्रम में प्रमोद शुक्ला, ओ.पी. गुप्ता, विवेक श्रीवास्तव, दुर्गेश पांडे, सुनील साहू, उमेश पाठक सहित कई शिक्षाविदों ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, प्रतियोगी परीक्षा के स्वरूप, तकनीकी प्रशिक्षण, शिक्षा नीति और बालिकाओं के अधिकारों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।
मिशन जिला समन्वयक कविता सिंह ने “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके मूल उद्देश्य— “सशक्त बालिका, सशक्त राष्ट्र”— को रेखांकित किया।
प्रश्नोत्तरी सत्र में मिला समाधान
कार्यक्रम के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तरी सत्र में बालिकाओं ने खुलकर प्रश्न पूछे और विषय विशेषज्ञों से अपने मन की जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। इससे छात्राओं में आत्मविश्वास और स्पष्टता का भाव देखने को मिला।
समापन प्रेरणा के साथ
जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद कुमार तिवारी ने तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की महत्ता बताते हुए कहा—
“हर क्षेत्र में अवसर है, बस जरूरत है अपने जुनून को पहचानने और उसे निरंतरता देने की।”
सत्यनारायण राठौर (जिला बाल संरक्षण अधिकारी) ने बालिकाओं से मार्गदर्शन सत्र में मिली सीख को आत्मसात करने की अपील करते हुए आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
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