छत्तीसगढ़रायपुर

700 दिन की सत्ता, 0 दिन की सुनवाई: भाजपा की वादाखिलाफी के खिलाफ अंशकालीन सफाई कर्मचारियों का विधानसभा घेराव

सुशील सन्नी अग्रवाल बोले – “गूंगी बहरी सरकार से अब आर-पार की लड़ाई”

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ के अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ ने मंगलवार को राजधानी रायपुर में एकजुट होकर भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। “700 दिन की सत्ता, 0 दिन की सुनवाई” जैसे नारों के साथ कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव कर सरकार से अपने हक की लड़ाई का ऐलान किया।

भाजपा का 100 दिन का वादा, 700 दिन की चुप्पी

प्रदर्शनकारियों का आक्रोश भाजपा सरकार के उस चुनावी वादे के खिलाफ था, जिसमें 2023 के विधानसभा चुनावों से पूर्व 100 दिनों में अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को पूर्णकालिक नियुक्ति देने का वादा किया गया था। लेकिन अब सत्ता संभाले 700 दिन से अधिक हो चुके हैं और न तो कोई नीति बनी, न संवाद हुआ और न ही सुनवाई।

10,400 स्कूलों की बंदी, हजारों की रोज़ी पर संकट

प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर भी आक्रोश जताया कि शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण के नाम पर राज्यभर में 10,400 स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जिससे हजारों अंशकालीन कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर सीधा संकट खड़ा हो गया है।

पूर्व सरकार ने दिया था सम्मान, वर्तमान सरकार ने छीन लिया विश्वास

संघ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में अंशकालीन कर्मचारियों के मानदेय में ₹800 की वृद्धि कर उनके योगदान को सम्मान दिया गया था, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद से न केवल मानदेय स्थिर है, बल्कि स्थायीत्व और सामाजिक सुरक्षा को लेकर भी कोई पहल नहीं की गई।

सुशील सन्नी अग्रवाल का तीखा हमला

संघ के संरक्षक  सुशील सन्नी अग्रवाल ने भाजपा सरकार को सीधे चेतावनी देते हुए कहा:

“यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं, यह चेतावनी है – जिन हाथों ने स्कूलों को साफ रखा, वे अब अपने भविष्य के लिए रास्ता भी साफ कर रहे हैं। यदि भाजपा सरकार को सुनाई नहीं दे रहा तो हम उन्हें लोकतंत्र के सबसे बुलंद मंच पर सुनाएंगे। यह लड़ाई अब केवल नौकरी की नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकार की है।”

30,000 से अधिक कर्मचारियों की गरजती आवाज

विधानसभा के सामने एकत्रित हुआ 30 हज़ार से अधिक अंशकालीन सफाई कर्मचारियों का जनसैलाब इस बात का संकेत है कि यह आंदोलन अब राज्यव्यापी जनसंघर्ष बन चुका है। महिला कर्मचारी, युवा साथी और वरिष्ठ कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल हुए।

संघ का ऐलान – चुप नहीं बैठेंगे, अधिकार लेकर रहेंगे

संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष खांडेकर, आलोक चंद्राकर, आकाशदीप शर्मा, विष्णु नायक और अन्य पदाधिकारियों ने मंच से एलान किया कि जब तक कर्मचारियों को पूर्णकालिक नियुक्त नहीं किया जाता, जब तक मानदेय में वृद्धि नहीं होती और जब तक शिक्षा के नाम पर स्कूल बंद करना बंद नहीं होता – तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

समाप्ति व चेतावनी के स्वर में लोकतंत्र की पुकार:
यह आंदोलन न केवल भाजपा सरकार की वादाखिलाफी को उजागर करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के ढांचे और श्रमिकों के सम्मान के लिए खड़े हो रहे जनसैलाब का प्रतीक बन चुका है। सरकार को चाहिए कि अब मौन व्रत तोड़कर जवाब दे – अन्यथा यह गूंगी बहरी सरकार लोकतंत्र के तूफ़ान को नहीं रोक पाएगी।

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