छत्तीसगढ़मोहला-मानपुर

राज्य सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ शिक्षक साझा मंच का एक दिवसीय जोरदार प्रदर्शन, चेताया

 शिक्षकों का आक्रोश फूटा, स्कूल छोड़ सड़क पर उतरे शिक्षक!– “अबकी बार तालेबंदी आंदोलन”

UNITED NEWS OF ASIA. जावेद खान, मोहला  |  प्रदेश भर के 1.80 लाख से अधिक शिक्षक आज स्कूलों की बजाय सड़कों पर नज़र आए। छत्तीसगढ़ शिक्षक साझा मंच के आह्वान पर पूरे प्रदेश के 146 विकासखंडों में शिक्षकों ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया।

 क्या हैं शिक्षकों की मुख्य मांगें?

  1. वेतन विसंगति दूर कर क्रमोन्नत वेतनमान एवं एरियर्स का भुगतान

  2. पुरानी पेंशन योजना की बहाली

  3. प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना

  4. डीएड धारकों को पदोन्नति, बीएड की अनिवार्यता समाप्त

 “अब आर-पार की लड़ाई होगी” – शिक्षक साझा मंच

प्रांतीय संचालक शंकर साहू और मनीष मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दो टूक कहा –

“अगर अब भी हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे राज्य में तालेबंदी की जाएगी और सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। जिम्मेदारी सरकार की होगी।”

 वादा था ‘मोदी की गारंटी’, मिला धोखा

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सरकार ने शिक्षकों से कई वादे किए थे जिन्हें “मोदी की गारंटी” कहा गया। लेकिन जीत के बाद एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।

 धरना-प्रदर्शन से स्कूलों की पढ़ाई रही ठप

आंदोलन के चलते प्रदेश भर के सैकड़ों स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। मोहला जिले में प्रदर्शन के दौरान बाइक रैली निकाली गई और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय को ज्ञापन सौंपा गया।

 महिला शिक्षकों की बड़ी भागीदारी

प्रदर्शन में महिला शिक्षिकाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही। सरिता खान, लक्ष्मी गेडाम, प्रेमलता शर्मा, रश्मि श्रीवास्तव, हेमलता बढ़ई, और गीता गुप्ता जैसे नामों ने मंच से सरकार को खुली चुनौती दी।

सोना साहू के फैसले को लागू करने की मांग

शिक्षक प्रतिनिधियों ने बताया कि शिक्षिका सोना साहू को माननीय न्यायालय के आदेश पर एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान मिला है, लेकिन सरकार ने इसे सार्वजनिक रूप से लागू नहीं किया। मांग की गई कि अन्य शिक्षकों को भी उसी तर्ज पर लाभ मिले।

“शिक्षकों की उपेक्षा कर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है, सरकार को यह मूल्य चुकाना पड़ेगा।”
राजकुमार सरजारे, जिला संचालक

इस व्यापक आंदोलन में 23 प्रदेश संचालकों ने अलग-अलग जिलों में मोर्चा संभाला। प्रमुख नेताओं में जितेंद्र पटेल, मुकेश शुक्ला, भूपेंद्र साहू, राजकुमार यादव, अश्वनी देशलहरे, सुनील शर्मा, और रूपेंद्र नंदे सहित सैकड़ों शिक्षक नेता शामिल रहे।

 आंदोलन का नारा:

“वादा निभाओ, हक दिलाओ – नहीं तो स्कूल बंद कराओ”

यदि सरकार ने शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो अगली बार ये सड़कों पर नहीं, बल्कि स्कूलों पर ताले लटकाएंगे!
– शिक्षक साझा मंच, छत्तीसगढ़

 


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