
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | राज्य में 34 लाख से अधिक राशन कार्डधारी अब उचित मूल्य की दुकानों से राशन पाने से वंचित हो सकते हैं। इसकी वजह है ई-केवाईसी की समय सीमा का समाप्त हो जाना और शासन की ओर से इसकी सुगम व्यवस्था नहीं किया जाना। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार को घेरते हुए ई-केवाईसी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री गोपाल साहू ने कहा कि राज्य शासन ने समय पर ई-केवाईसी करवाने के लिए पर्याप्त सुविधा और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए, जिससे लाखों गरीब और ग्रामीण परिवार राशन प्राप्त करने के अधिकार से वंचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम में इन कार्डों को ऑटोमेटिक ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे जनता को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समयसीमा बढ़ाने की उठी मांग
प्रदेश मीडिया प्रभारी सूरज उपाध्याय ने बताया कि राज्य में 81 लाख से अधिक राशन कार्ड और 2.73 करोड़ लाभार्थी पंजीकृत हैं। अब जिन लोगों ने 30 जून तक ई-केवाईसी नहीं कराया, उन्हें ऑनलाइन सिस्टम में अपात्र घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को डिजिटल प्रक्रिया की जमीनी कठिनाइयों को समझना चाहिए और आम जनता को राहत देने हेतु समयसीमा में विस्तार करना चाहिए।
राशन वितरण में भी बाधाएं
संगठन महामंत्री जसबीर सिंह ने राजधानी सहित कई जिलों में राशन दुकानों के बंद होने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि नान गोदामों से राशन दुकानों तक चावल की आपूर्ति नहीं हो पाने के कारण सैकड़ों दुकानें बंद हो गई हैं। इसके पीछे एजेंसियों की लापरवाही और परिवहन संसाधनों की कमी बताई जा रही है।
“अगर गोदामों में पहले से भंडारण था, तो तीन महीने की राशन आपूर्ति के निर्देश के बाद प्रशासन ने वितरण की व्यवस्था क्यों नहीं की?” – जसबीर सिंह
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्षों से एक ही एजेंसी को सप्लाई का काम दिया जा रहा है और अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
ई-केवाईसी में असमानता और अव्यवस्था
प्रदेश उपाध्यक्ष देवलाल नरेटी ने सवाल उठाया कि सरकार ने POS मशीनों और मोबाइल एप्स के माध्यम से गांव-गांव में ई-केवाईसी अभियान क्यों नहीं चलाया। उन्होंने कहा कि ना तो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जानकारी दी गई और ना ही ऑन-साइट या मोबाइल हेल्प टीम उपलब्ध करवाई गई।
नीतिगत विफलता का आरोप
प्रदेश महासचिव वदूद आलम ने इसे सरकार की नीतिगत विफलता बताते हुए कहा –
“यह स्पष्ट है कि सरकार की उदासीनता के चलते गरीब जनता आज राशन जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हो रही है। यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि संवेदनहीनता है।”
प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने भी कहा कि राशन वितरण में उत्पन्न संकट का सीधा दुष्प्रभाव उन लोगों पर पड़ रहा है जिनकी आजीविका और पोषण सुरक्षा पूरी तरह सरकार की योजनाओं पर निर्भर है।
आम आदमी पार्टी ने सरकार से मांग की है कि ई-केवाईसी की समय सीमा तत्काल बढ़ाई जाए, घर-घर जाकर सत्यापन की सुविधा दी जाए और राशन वितरण तंत्र को तत्काल दुरुस्त किया जाए।
यदि सरकार समय रहते यह समस्या नहीं सुलझाती, तो आने वाले दिनों में यह एक बड़े जन आंदोलन का कारण बन सकता है।
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