
UNITED N EWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ में आयुष्मान कार्डधारी मरीज इन दिनों इलाज के लिए भटक रहे हैं। वजह है कि भाजपा सरकार निजी अस्पतालों का लंबित भुगतान नहीं कर रही, जिसके चलते अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज करने से मना कर रहे हैं।
इस मामले पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि स्टेट नोडल एजेंसी द्वारा फरवरी 2025 से क्लेम प्रोसेसिंग को रोक दिया गया है। वहीं, 30 मार्च 2025 को मौजूदा टीपीए कंपनी का अनुबंध समाप्त हो गया, लेकिन नई कंपनी के चयन की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
सुशील शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार मोटे कमीशन की लालच में निर्णय नहीं ले रही है। उन्होंने बताया कि नई टीपीए कंपनी के चयन के लिए निविदा (टेंडर) निकाली गई थी, लेकिन स्टेट नोडल एजेंसी द्वारा तय की गई शर्तें इतनी कठोर थीं कि कोई भी कंपनी भाग नहीं ले सकी। बावजूद इसके न तो टेंडर को निरस्त किया गया और न ही शर्तों में कोई बदलाव किया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि शर्तों के अनुसार, कंपनी को स्टेट नोडल एजेंसी के दफ्तर में क्लेम प्रोसेसिंग का कार्य करना होगा, जिससे अफसरों का सीधा हस्तक्षेप बढ़ेगा और पारदर्शिता पर सवाल उठेंगे। इच्छुक कंपनियों ने इस शर्त पर गंभीर आपत्ति जताई है।
इस स्थिति के चलते प्रदेश के कई निजी अस्पतालों में तालाबंदी जैसी स्थिति बन गई है। कई बड़े अस्पताल अब आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को बिना इलाज के लौटा रहे हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्ला ने मांग की कि सरकार तत्काल प्रभाव से टीपीए कंपनी के चयन की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से शुरू करे, ताकि प्रदेश के लाखों आयुष्मान लाभार्थियों को दोबारा सुगम इलाज मिल सके।
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