चीन और रूस की नई रणनीति: चालबाज चीन अमेरिका को मात देने के लिए अब नया पैंतरेबाजी में शामिल हो गया है। इसके लिए वह रूस के साथ अपनी दोस्ती को और भी बढ़ा रहा है। रूस और चीन दोनों ही महाशक्ति हैं और दोनों देश अमेरिका के कट्टर विरोधी हैं। कोरोना से जूझते हुए भी चीन की मंशा अमेरिका को लेकर ठीक नहीं है। यूक्रेन की जंग के चलते रूस को भी अमेरिका से लड़ने के लिए चीन जैसे दोस्तों की जरूरत है। इसलिए दोनों देश मिलकर कुछ ऐसा खतरनाक प्लान तैयार कर रहे हैं कि अमेरिका परेशान हो उठा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को लेकर अपने देश के रुख का रविवार को बचाव किया। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले वर्ष में मॉस्को के साथ बीजिंग के संबंध और गहरे होंगे। बीजिंग में एक कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेने वाले वांग ने दुनिया की दो सबसे बड़ी कंपनियों (अमेरिका और चीन) के बीच संबंध खराब होने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका की दोषपूर्ण चीन नीति को इसी से खारिज किया है। वांग ने कहा कि चीन ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, मानवाधिकारों और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र की एक बड़ी ताकत होने के अपने दावों को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव को खारिज कर दिया है।
अमेरिका की दादागिरी की रणनीति चीन बना रहा है
रणनीतिक सूचनाओं का कहना है कि वर्ष 2023 में चीन ताइवान को अपने देश में विलय करने के लिए सेना बल का प्रयोग कर सकता है। इसमें अमेरिका सबसे बड़ा बाधक है। इसलिए चीन को रूस की जरूरत है। इस वक्त रूस को भी चीन की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसीलिए दोनों देशों की दोस्ती का गहरा होने का सर्वे जारी किया जा रहा है। चीन ने खुद इस बात का ऐलान भी कर दिया है। इन दोनों देशों की दोस्ती जितनी भी होगी, अमेरिका के लिए खतरा उतना ही बढ़ेगा। विशेष रूप से चीन को लगता है कि अमेरिका दादागिरी पर लागू होता है। इसीलिए चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका पर धौंस सागर का आरोप भी लगाया है। चीन के यूक्रेन पर हमले की निंदा करने और रूस पर पाबंदियां लगाने में अन्य देशों के साथ देने से इनकार करने के कारण पश्चिमी देशों से बीजिंग के संबंध और संबंध हो गए हैं। वांग ने कहा कि चीन रूस के साथ ”परस्पर विश्वास पर रणनीतिक और लाभप्रद सहयोग पर आधारित और गहरा करेगा।
पूर्वी चीन सागर में तेजी से चीन और रूस की सेना
दोनों देशों के जहाजों ने पिछले हफ्ते पूर्वी चीन सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया था। आधिकारिक ज़मानत के अनुसार, वांग ने कहा, ”यूक्रेन संकट के बंधन में हमने दृढ़ता और फेयरता के मूल सिद्धांतों को निरंतर अक्षुण्ण रखा है और किसी का पक्ष नहीं लिया। न ही मैंने स्थिति का कोई लाभ उठाने की कोशिश की। वांग और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते फोन पर बात की थी। विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन ने अमेरिका-चीन संबंध को जिम्मेदारी से संभालने और ब्रिटेन के खिलाफ रूस के युद्ध को लेकर चिंता पैदा की थी, जिससे वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को नुकसान हो रहा है। विदेश मंत्रालय के बयानों में कहा गया है कि वांग ने अमेरिका पर धौंस जमाने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन संकट को अपने तरीके से शेयर करके चीन की भूमिका निभाते रहेंगे।