
UNITED NEWS OF ASIA, रायपुर । राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र से एक बांग्लादेशी दंपती को गिरफ्तार किया गया है, जो पिछले 16 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। पकड़े गए आरोपियों ने खुद को पश्चिम बंगाल निवासी बताकर पहचान छिपाई थी और स्थानीय स्तर पर पहचान स्थापित करने के लिए अंडा-बिरयानी का ठेला लगाकर सामान्य जीवन जीते रहे। अब पुलिस इन दोनों को बांग्लादेश डिपोर्ट करने की तैयारी में है।
फर्जी मार्कशीट और पासपोर्ट बना था संदेह की वजह
पुलिस को जांच में मोहम्मद दिलावर खान (49) के दस्तावेजों में एक संदिग्ध 8वीं कक्षा की मार्कशीट मिली, जो मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक स्कूल की थी। उसमें वर्ष 2009-10 में 35 वर्ष की उम्र में नियमित स्कूल में पढ़ने का उल्लेख था, जो असामान्य लगा। यहीं से पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
दिलावर ने इसी मार्कशीट के आधार पर पासपोर्ट भी बनवाया था, जो अब भारतीय पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन माना गया है।
FIR में कई गंभीर धाराएं दर्ज
टिकरापारा पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:
धारा 112 – संगठित अपराध
धारा 318(4) – धोखाधड़ी
धारा 319(2), 336(3) – जालसाजी और फर्जी दस्तावेज बनाना
इसके अलावा तीन केंद्रीय कानूनों के तहत भी आरोप लगाए गए हैं:
भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 (बी)
पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 की धारा 3
विदेशियों अधिनियम, 1946 की धारा 14
परिवारिक पहचान और रहने का तरीका बनाया ढाल
दिलावर और उसकी पत्नी परवीन बेगम के साथ उनकी 14 वर्षीय बेटी भी है। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे मूलतः बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के मुख्तारपुर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। रायपुर आने के बाद इन्होंने कई बार किराए के घर बदले, लेकिन हर बार पिछले पते का ही इस्तेमाल करते रहे।
स्थानीय सहयोगियों की भूमिका भी जांच के घेरे में
पुलिस को शक है कि दस्तावेज बनवाने में कुछ स्थानीय लोगों की भूमिका रही है, जिनमें एक पार्षद का नाम भी सामने आया है। मामले में राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों की भूमिका की भी गहन जांच की जा रही है।
डिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी
पुलिस अब इस केस को राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध घुसपैठ से जुड़ा गंभीर मामला मान रही है। दस्तावेजी जांच और कानूनी कार्रवाई के बाद बांग्लादेश डिपोर्टेशन की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। इसके लिए गृह मंत्रालय से अनुमति ली जानी होगी।
SSP बोले – पहचान छिपाकर रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि, “कोई भी विदेशी नागरिक यदि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारत में प्रवेश करता है और इतने वर्षों तक पहचान छिपाकर रहता है, तो यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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