छत्तीसगढ़दंतेवाड़ा

राशन दुकानों में ओटीपी सिस्टम बना मुसीबत, घंटों इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौट रहे ग्रामीण

 किसी को मिलता है ओटीपी, किसी को नहीं  तकनीकी खामियों से राशन वितरण में भारी अव्यवस्था  बुजुर्गों और महिलाओं को हो रही सबसे अधिक परेशानी

UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाडा । ग्राम पंचायत भांसी के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में राशन वितरण के लिए लागू किया गया ओटीपी आधारित सिस्टम आमजन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए शुरू की गई यह तकनीकी व्यवस्था जमीनी स्तर पर असफल साबित हो रही है।

लोग बोले – राशन के लिए रोज संघर्ष

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार मोबाइल पर ओटीपी आता ही नहीं, और अगर आता भी है तो बहुत देर से।
एक महिला लाभार्थी ने बताया,

“सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहते हैं, तब जाकर राशन मिलता है। बच्चे घर पर भूखे बैठे रहते हैं।”

वहीं एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा,

“हमें मोबाइल चलाना नहीं आता, बेटा बाहर काम करता है। अब राशन कैसे लें?”

विक्रेता भी परेशान, सिस्टम बना बोझ

राशन दुकानदारों ने कहा कि

“हम चाहकर भी बिना ओटीपी राशन नहीं दे सकते। नेटवर्क की समस्या के कारण लोग गुस्सा हम पर निकालते हैं। सरकार को कोई वैकल्पिक तरीका देना चाहिए।”

प्रशासन से उठी मांग

लाभार्थियों और दुकानदारों दोनों ने प्रशासन से मांग की है कि –

  • सिस्टम को तकनीकी रूप से बेहतर बनाया जाए

  • ओटीपी के साथ-साथ बायोमेट्रिक विकल्प भी उपलब्ध हो

  • असमर्थ लाभार्थियों के लिए मानवीय आधार पर वैकल्पिक प्रक्रिया बनाई जाए

डिजिटल तकनीक आवश्यक है, लेकिन यदि वह जन सुविधा की जगह जन कष्ट बन जाए तो उस पर पुनर्विचार जरूरी है। अब देखना है कि प्रशासन इस व्यवस्था में कब और कैसे सुधार करता है।

 


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