
UNITED NEWS OF ASIA. बीजापुर। भैरमगढ़ जनपद पंचायत में पदस्थ तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम और पंचायत सचिव बाबू राव पुलसे के साथ कुटरू एसडीओपी ब्रिज किशोर यादव एवं पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कथित मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। घटना को लेकर जनपद पंचायत भैरमगढ़ सहित तीन ब्लॉकों के अधिकारी-कर्मचारी एकजुट हो गए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए जिले के चारों ब्लॉकों में कार्यबहिष्कार कर विरोध दर्ज करा रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच मंगलवार को प्रदेश के गृह मंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे। इस दौरान छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों और पीड़ित कर्मचारियों ने उनसे मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और कुटरू एसडीओपी ब्रिज किशोर यादव पर सख्त कार्रवाई की मांग की। गृह मंत्री शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके पर मौजूद बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को किया निलंबित, जांच समिति गठित
घटना की गंभीरता को देखते हुए बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने प्रारंभिक जांच के बाद दो पुलिसकर्मियों — दिवा जितेन्द्र और सोमारू उरसा — को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी है। एसपी कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर दोषियों पर सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इधर, बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष अपर कलेक्टर भूपेन्द्र कुमार अग्रवाल होंगे, जबकि एएसपी यूलेडन यार्क और एसडीएम भैरमगढ़ विकास सर्वे को सदस्य बनाया गया है। समिति को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना 29 मई की बताई जा रही है, जब तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम और पंचायत सचिव बाबू राव पुलसे बीजापुर से लौट रहे थे। ग्राम तुमला के पास एक स्कॉर्पियो वाहन को रास्ता न मिलने से कथित रूप से नाराज एसडीओपी ब्रिज किशोर यादव और उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों ने कार को रुकवाया और दोनों कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें कॉलर पकड़कर बाहर निकाला। आरोप है कि दोनों को बंदूक की नोक पर धमकाया गया, जमीन पर गिराकर बेल्ट और जूतों से पीटा गया, साथ ही जातिगत गालियां भी दी गईं।
अब तक FIR दर्ज नहीं, कर्मचारी संगठनों में रोष
गंभीर आरोपों के बावजूद अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जिससे कर्मचारी संगठनों में गहरा रोष है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस महकमे की साख पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी चिंता जताई जा रही है।
अब सभी की निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट और उसके बाद शासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं।
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