भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि 10 साल पहले आधार कार्ड यानी विशिष्ट पहचान क्रमांक पाने वाले और इस दौरान कभी भी अपने दस्तावेजों में बदलाव नहीं करने वाले लोगों को अपनी ताजा जानकारी जानकारी लेने की जरूरत है। यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा है कि आधार धारक सहायक दस्तावेज (पहचान का प्रमाण और यथार्थ का प्रमाण) को ‘माय आधार पोर्टल’ के माध्यम से ऑनलाइन तरीके से सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा वे चलते हैं तो आधार केंद्र पर बढ़ते हुए फिट से भी अपनी विशिष्ट पहचान की विश्वसनीयता को बना सकते हैं।
सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के आधार पर जरूरी
जमा में कहा गया है, ”जिन निवासियों ने अपना आधार 10 साल पहले बनवाया था और उसके बाद इन वर्षों में कभी भी उन्हें अपडेट नहीं किया है, ऐसे आधार धारकों को अपने दस्तावेजों को अपडेट करना चाहिए।” पिछले एक दशक में आधार संख्या भारत में निवासियों की पहचान के लिए एक संख्या प्रमाण के तौर पर उभर रहा है। केंद्र सरकार की ओर से संचालित कुल 1,100 से अधिक सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों सहित 319 योजनाओं को पहचान के आधार पर स्वीकार किया जाता है।
पहचान पत्र और पहचान प्रमाण से आधार सूचना होगी
निकाय ने दावा किया है कि प्राधिकरण इस संबंध में आधार धारकों को दस्तावेज़ जानकारी की सुविधा निर्धारित शुल्क के साथ प्रदान करता है और आधार धारक व्यक्तिगत पहचान प्रमाण और खाते के प्रमाण से संबद्ध प्रमाणपत्रों को आधार डेटाबेस में सूचित कर सकता है। कंजेंस में कहा गया है कि इन दस वर्षों के दौरान, आधार संख्या किसी व्यक्ति की पहचान के प्रमाण के रूप में उभर रही है और आधार संख्या का उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। अंतर्निहितदाई ने कहा है कि इन योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए, लोगों को व्यक्तिगत नवीनतम विवरण से आधार डेटाबेस को अपडेट रखना है ताकि आधार देयता व सत्यापन में कोई असुविधा न हो।