
UNITED NEWS OF ASIA. कृष्णा नायक , सुकमा। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आज एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट कार्यालय के एनआईसी कक्ष में किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी प्रभु नारायण सिंह द्वारा इस कार्यशाला में कार्यपालिक दण्डाधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को कानून की बारीकियों और उसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान तीन नवीन आपराधिक कानूनों के तहत कार्यपालिक दण्डाधिकारियों को प्रदत्त अधिकारों के विषय में जानकारी दी गई। साथ ही, बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में चिकित्सा परीक्षण की प्रक्रिया, समय-सीमा (07 दिन के भीतर) में परीक्षण रिपोर्ट की उपलब्धता, और जांच अधिकारी को रिपोर्ट सौंपने की अनिवार्यता के प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला गया।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 के अंतर्गत ऑनलाइन माध्यम से एफआईआर दर्ज करने की सुविधा की जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, 3 से 7 वर्ष तक की सजा वाले मामलों की जांच उप पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा करने तथा 7 वर्ष से अधिक सजा वाले मामलों में एफएसएल टीम की उपस्थिति, घटना स्थल की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में अपर कलेक्टर विजय प्रताप खेस्स, डीएसपी सुश्री मोनिका श्याम और सुकमा, कोण्टा एवं छिन्दगढ़ के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), समस्त डिप्टी कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
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