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“बृजमोहन अग्रवाल की चिट्ठी राजनीति में नया मोड़, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल”

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ में भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, जो लगातार राज्य सरकार को चिट्ठियां लिखकर जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं, अब राजनीतिक विवाद का हिस्सा बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बृजमोहन अग्रवाल की चिट्ठियों को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि बृजमोहन ने अपने पत्रों का उद्देश्य स्पष्ट किया।

भूपेश बघेल का आरोप

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि बृजमोहन अग्रवाल “लेटर बम” फोड़ रहे हैं, और इस तरह के पत्रों से यह साबित हो रहा है कि राज्य सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है। बघेल ने कहा, “यदि सत्ता पक्ष के विधायक और सांसद ऐसे पत्रों को सार्वजनिक कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि शासन में कुछ सही नहीं चल रहा है। ऐसे में ‘सुशासन तिहार’ मनाने का कोई मतलब नहीं है।”

दीपक बैज ने किया विरोध

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब सांसद ही राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं, तो सुशासन दिवस और ‘सुशासन तिहार’ केवल ढकोसला लगते हैं। उन्होंने कहा, “सर्जरी नहीं हो रही है, अस्पताल में व्यवस्था नहीं है, और मरीज परेशान हैं, तो यह कहां है सुशासन?” बैज ने यह भी तंज करते हुए कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को सरकार द्वारा एक भविष्यवक्ता के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए।

बृजमोहन अग्रवाल का जवाब

जब बृजमोहन अग्रवाल से कांग्रेस के आरोपों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “हम सुशासन के लिए काम कर रहे हैं, और यही कारण है कि मैं मुख्यमंत्री से विभिन्न मुद्दों पर पत्र लिखता हूं। इन पत्रों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ एक बेहतर और विकसित राज्य बने।”

अफसरों की भूमिका पर उठाए सवाल

 

अग्रवाल ने यह भी कहा कि राज्य के कुछ अधिकारियों की वजह से राज्य की व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में आम नागरिक आर्थिक रूप से कमजोर है और उसे इलाज के लिए निजी अस्पतालों में या फिर राज्य से बाहर जाने को मजबूर होना पड़ता है।”

पत्रों के परिणाम

बृजमोहन अग्रवाल ने यह दावा किया कि उनके द्वारा भेजे गए पत्रों का असर भी दिखा है। उन्होंने बर्खास्त शिक्षकों के मामले में राज्य सरकार को पत्र लिखकर एक विशेष छूट देने की मांग की थी, जिसका असर 7 अप्रैल को देखा गया। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी अस्पतालों में सर्जरी की स्थिति पर भी पत्र लिखकर उसे तत्काल शुरू करने की मांग की।

बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा लिखे गए महत्वपूर्ण पत्र

  • 5 मई 2025: दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति की मांग।

  • 4 मई 2025: रायपुर के हार्ट सर्जरी सेंटर के बंद होने के बारे में पत्र।

  • 13 अप्रैल 2025: रायपुर में बढ़ते अपराध और ट्रैफिक के मुद्दे पर पुलिस भर्ती की मांग।

  • 22 अप्रैल 2025: गर्मी के मौसम को देखते हुए स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की मांग।

  • 22 फरवरी 2025: लव जिहाद, धर्म परिवर्तन और गौहत्या पर कानून बनाने की मांग।

इस राजनीतिक घमासान के बीच बृजमोहन अग्रवाल की चिट्ठियों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है, और यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

 


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