कबीरधामछत्तीसगढ़

चिल्फी में ‘डॉक्टर’ या ‘मौत का सौदागर’? — बिना डिग्री कर रहा इलाज, गर्भपात तक का खेल!

स्वास्थ्य विभाग बना मूकदर्शक, ग्रामीणों की जान जोखिम में

UNITED NEWS OF ASIA. कबीरधाम | छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चिल्फी क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोलकर रख दी है। यहाँ एक बंगाली मूल का व्यक्ति, जो खुद को डॉक्टर बताता है, बिना किसी वैध डिग्री या मेडिकल रजिस्ट्रेशन के वर्षों से इलाज कर रहा है। इतना ही नहीं, वह अब गर्भपात जैसे संवेदनशील और गंभीर मामलों में भी लिप्त पाया गया है, जो कानूनन अपराध है।

इलाज नहीं, खतरा परोसा जा रहा है

ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की सीमित सुविधाओं और जागरूकता की कमी का लाभ उठाकर यह फर्जी डॉक्टर खुद को विशेषज्ञ बताकर बीमारों का इलाज, इंजेक्शन, दवाइयाँ और यहां तक कि ऑपरेशन तक करने का दावा करता है। उसके पास न कोई डिग्री है, न रजिस्ट्रेशन और न ही प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, फिर भी वह लंबे समय से खुलेआम यह खेल खेल रहा है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस व्यक्ति की गतिविधियाँ कई सालों से चल रही हैं और अनेक लोग इसकी झूठी डॉक्टरगिरी के कारण शारीरिक नुकसान भी झेल चुके हैं।

गर्भपात जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्तता

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हालिया सूचना के अनुसार, यह व्यक्ति अब चुपचाप गर्भपात जैसे कार्यों को भी अंजाम दे रहा है। बिना किसी मेडिकल सुविधा या लाइसेंस के वह गर्भवती महिलाओं का अवैध रूप से ‘ट्रीटमेंट’ कर रहा है, जिससे महिलाओं के जीवन और स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

यह न केवल भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अंतर्गत अपराध है, बल्कि महिला सुरक्षा और मानवाधिकार के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है।

ग्रामीणों ने की कई शिकायतें, फिर भी मौन है प्रशासन

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को कई बार शिकायत दी जा चुकी है। हाल ही में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) को भी विस्तृत जानकारी सौंपी गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही का स्पष्ट संकेत है

इस चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर ग्रामीणों में भारी असंतोष और आक्रोश है।

प्रशासनिक चुप्पी या मिलीभगत?

जब इस गंभीर मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्रतिक्रिया लेनी चाही गई, तो किसी ने भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। कुछ ने मामले को ‘देखने की बात’ कहकर पल्ला झाड़ लिया, तो कुछ ने ‘प्रक्रिया में है’ कहकर टालमटोल कर दिया। इससे यह संदेह भी गहराता है कि कहीं कहीं प्रशासनिक स्तर पर कोई अंदरूनी सांठगांठ तो नहीं चल रही?

स्थानीय जनता में उबाल – कार्रवाई की मांग तेज

ग्रामीणों का कहना है कि,

“जब फर्जी डॉक्टर इस तरह खुलेआम जीवन से खिलवाड़ कर रहा है और प्रशासन चुप बैठा है, तो हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?”

लोगों ने स्पष्ट मांग की है कि प्रशासन को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी मासूम की जान न जाए।

कानूनी पहलू – अपराध गंभीर, सज़ा भी कठोर

भारत में बिना डिग्री चिकित्सा सेवा देना अपराध है, और भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) एक्ट की धारा 15 के तहत यह तीन साल तक की जेल और जुर्माना का अपराध है।
वहीं गर्भपात संबंधी कार्यों को बिना मान्यता प्राप्त संस्थान या चिकित्सक के द्वारा कराना मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट और IPC की धाराओं के तहत संगीन अपराध है।

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