
UNITED NEWS OF ASIA. लखनऊ |उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में हुई हालिया हिंसा को लेकर विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है। राजधानी लखनऊ में आयोजित अंबेडकर सम्मान अभियान के तहत एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि बंगाल में दलित और वंचित हिंदुओं को टारगेट कर उनकी निर्मम हत्या की जा रही है और विपक्ष इस पर साम्प्रदायिक चुप्पी साधे हुए है।
“मुर्शिदाबाद में घरों से खींचकर मारे गए हिंदू” — सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को उनके घरों से खींचकर पीटा गया और तीन निर्दोषों की हत्या कर दी गई। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि वे वंचित और दलित हिंदू थे। क्या उनकी जान की कोई कीमत नहीं? ममता बनर्जी की सरकार क्यों चुप है?”
सीएम योगी ने सवाल उठाया कि क्या सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए कुछ समुदायों को निशाना बनाना और दूसरों की आवाज़ दबाना विपक्ष की रणनीति बन चुकी है?
वक्फ कानून के विरोध पर विपक्ष को घेरा
वक्फ कानून को लेकर देशभर में हो रहे विरोध के बीच योगी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि:
“वक्फ के नाम पर लाखों एकड़ ज़मीन पर अवैध कब्जे हुए हैं। अब जब केंद्र सरकार ने पारदर्शिता की बात की, तो विपक्ष दुष्प्रचार और हिंसा का रास्ता अपना रहा है।”
उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पर वंचितों के हक की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
बंगाल में हिंसा से हालात तनावपूर्ण
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में वक्फ कानून के विरोध को लेकर हाल के दिनों में कई जगह हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। दुकानों और वाहनों में आगज़नी, तोड़फोड़ और लूट की खबरें आई हैं। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हैं
बांग्लादेशी हिंदू भी हो रहे हैं निशाना” — योगी का आरोप
सीएम योगी ने इस मंच से ममता सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक राजनीति का चरम करार दिया।
अंबेडकर पर भी बोले योगी
कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम योगी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत का संविधान समाज के सबसे वंचित व्यक्ति को न्याय देने की ताकत रखता है, और आज भी उनकी सोच भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है।
सीएम योगी के इस बयान से एक बार फिर बंगाल की कानून व्यवस्था और धार्मिक आधार पर हो रही हिंसा का मुद्दा गरमा गया है। विपक्ष पर सीधा हमला कर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक बहस छेड़ दी है — कि क्या वोट की राजनीति के नाम पर देश में कुछ नागरिकों की जान और अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है?



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