
नेजल वैकसीन को नाक के जरिए स्प्रे कर दिया जाता है।
दुनिया में कोरोना एक बार फिर पैर पसारने लगा है। चीन जैसे तमाम देश कोरोना की मार से जूझ रहे हैं। चीन में उनकी जीरो कोविड शिकायत ही उन्हें कोरोना से प्रमाणपत्र नहीं दे रही है। ऐसे में चीनीयों को वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना उन पर हावी हो रहा है कि उनके शरीर में हर तरह की प्रतिरोधकता बनी ही नहीं है। इन सबके मद्देनजर भारत सरकार भी हाई अलर्ट मोड पर है। सरकार ने कोविड से निपटने के लिए समीक्षा बैठक भी की जिसमें कोरोना के सभी सिक्वेंसिंग टेस्ट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
भारत में बनी नेजल वैक्सीन को मिली मंजूरी
इसी दिशा में भारत सरकार ने अब नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी है। नेजल वैकसीन को नाक के जरिए स्प्रे कर दिया जाता है। अब सुई से डरने वालों का डर भी खत्म हो जाएगा कि क्यों इसमें बाजू पर टीका लगाने की जरूरत नहीं है। इसकी दो खुराक दी जाती है। केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडवीय बोल रहे हैं कि कोरोना की महामारी खट्म नहीं हुई है। कोरोना रूप बदल-बदल कर सामने आ रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। नेजल वैक्सीन पर वह बोले कि देश की चिकित्सा और वैक्सीन की जरूरत पूरी करने के लिए आज हम तैयार हैं। वैज्ञानिक समिति नेजल वैक्सीन (नाक का टीका) को मौंत दे दी है। इसे भारत के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। ये उनकी उपलब्धि है।
ऐसे दिया जाएगा खुराक
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को ही राज्यसभा को बताया था कि केंद्रीय पेय मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए इस साल 5 सितंबर को मंत्री रिकोम्बिनेंट नेजल (नाक से लेने वाले) ) COVID-19 शॉट्स को मौज दे दी गई थी। पवार ने एक जवाब में लिखा है कि टीका 28 दिनों की निर्धारित समय सीमा में 0.5 मिली की 2 खुराक में दिया जाता है। इस वीडियो को नाक के माध्यम से लिया जाता है।
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