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भारत सरकार की परियोजना में घोटाला, छत्तीसगढ़ से उठी दिल्ली तक गूंज

CBI जांच से ही खुलेगा भ्रष्टाचार का सच: डॉ. चरणदास महंत

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापटनम आर्थिक गलियारे (इकोनॉमिक कॉरिडोर) के लिए भूमि अधिग्रहण में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला अब राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने इस गंभीर मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

डॉ. महंत ने अपने पत्र में बताया कि अभनपुर अनुविभाग में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान फर्जी नामांतरण और दस्तावेजों के आधार पर 43 करोड़ से अधिक की आर्थिक क्षति भारत सरकार को पहुंचाई गई है।

भारी गड़बड़ी, सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान

नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में विस्तार से उल्लेख किया कि वास्तविक मुआवजा राशि केवल 7.65 करोड़ रुपये थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा 49.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यानी लगभग 43.18 करोड़ रुपये का अधिक मुआवजा अवैध रूप से जारी किया गया।

उन्होंने बताया कि जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना के बाद पूर्व तिथियों में फर्जी बंटवारे, नामांतरण और क्रय-विक्रय के मामलों को अंजाम दिया गया, जिससे मुआवजा दरें बढ़ाई गईं और सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ।

राज्य एजेंसी से नहीं होगी निष्पक्ष जांच: डॉ. महंत

डॉ. महंत ने कहा कि यह मामला भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़ा है, इसलिए राज्य की किसी भी एजेंसी — चाहे वह कमिश्नर हो या EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) — को इसकी जांच सौंपी जाना न्यायसंगत नहीं होगा। उन्होंने चेताया कि राज्य एजेंसी की जांच पर न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है, जिससे आरोपी बच सकते हैं।

देशव्यापी जांच की मांग

डॉ. महंत ने अभनपुर अनुविभाग के साथ-साथ भारतमाला परियोजना के अंतर्गत सभी भूमि अधिग्रहण मामलों की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा प्रकरण पूर्व नियोजित आपराधिक षड्यंत्र और संगठित भ्रष्टाचार का हिस्सा है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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