
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है। सीबीआई की रेड कार्रवाई को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार की है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पीसीसी चीफ दीपक बैज के बयान का जवाब देते हुए कहा कि चाहे कोई भी कितना भी ताकतवर क्यों न हो, कानून से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रकार के घोटालों की मॉनिटरिंग कर रही है और जो भी सत्ता का दुरुपयोग करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित है। मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस को खुश होना चाहिए कि अब उन पर कार्रवाई हो रही है और उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने क्या कहा?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीबीआई द्वारा FIR दर्ज किए जाने के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने आरोप लगाया कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने की कोशिश कर रही है। बैज ने यह भी कहा कि महादेव सट्टा ऐप मामले में सौरभ चंद्राकर का नाम 8वें नंबर पर जबकि बघेल का नाम 6वें नंबर पर रखा गया है, जो कि सरकार की मंशा को साफ करता है कि वह मुख्य आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने सरकार पर यह भी सवाल उठाया कि महादेव सट्टा ऐप को क्यों बंद नहीं किया जा रहा है, जबकि इस ऐप से मंत्री और नेताओं की जेबें भर रही हैं।
महादेव सट्टा ऐप मामला क्या है?
महादेव सट्टा ऐप पर पोकर, कार्ड गेम और चांस गेम जैसे लाइव खेल खेले जाते हैं, साथ ही क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में अवैध सट्टा लगाया जाता है। इस ऐप का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है, खासकर छत्तीसगढ़ में जहां सबसे ज्यादा खाते खोले गए हैं। शुरुआत में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज की थी। बाद में राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
सीबीआई ने इस मामले में कुल 21 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल शामिल हैं। सीबीआई ने बघेल के निवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य जब्त किए हैं।
जांच जारी, नए खुलासे की संभावना
सीबीआई की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में मामले में नए खुलासे हो सकते हैं। इस मामले के राजनीतिक पहलू भी सामने आ रहे हैं, क्योंकि दोनों प्रमुख दल इसे अपने-अपने तरीके से उछाल रहे हैं। इस मामले की जांच के बाद यह साफ हो जाएगा कि इसमें कौन-कौन शामिल था और क्या वास्तव में उच्च पदस्थ व्यक्तियों का नाम जुड़ा है।
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