
UNITED NEWS OF ASIA. खैरागढ़ | छत्तीसगढ़ – इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र चौबे पर 2 साल पहले की गई यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद अब गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। एक SC छात्रा ने फरवरी 2025 में राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी डॉ. योगेंद्र चौबे को 30 मार्च को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में आरोपी के समर्थकों ने उसे बचाने की कोशिश शुरू कर दी है और इसे प्रशासनिक षडयंत्र के तौर पर पेश किया है। उन्होंने 21 मार्च को हुए ऑक्टेव फेस्ट के दौरान कलेक्टर के खिलाफ शिकायत की और सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया। वहीं, पीड़िता के समाज के लोग अगर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं।
क्यों उठी ये शिकायतें?
पीड़िता ने 2018-19 में विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग में प्रवेश लिया था। कोरोना महामारी के दौरान जब कक्षाएं ऑनलाइन हो गईं, तो उसकी स्थिति बिगड़ गई और उसने फीस में छूट की मांग की। इस दौरान आरोपी डॉ. योगेंद्र चौबे ने फीस के बदले शारीरिक संबंध बनाने की शर्त रखी, जिसे छात्रा ने ठुकरा दिया। जब उसने शिकायत की, तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद, डॉ. चौबे ने उसे धमकाना शुरू किया और दिल्ली में इलाज के दौरान भी उसे परेशान किया।
शिकायत के बावजूद प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई?
पीड़िता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तीन बार शिकायत की, लेकिन किसी ने भी उसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद उसने राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज की और अंततः पुलिस ने जांच शुरू की। 24 फरवरी 2025 को पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश मिले, और 30 मार्च को डॉ. योगेंद्र चौबे को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप में एससी/एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गई हैं, क्योंकि आरोपी ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था।
आरोपी के समर्थन में उठ रही आवाज़ें
आरोपी के समर्थक इसे प्रशासनिक षडयंत्र करार दे रहे हैं और इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका यह दावा वायरल हो गया है, जिससे यह मामला और तूल पकड़ रहा है।
पीड़ित समाज का विरोध प्रदर्शन
पीड़िता के समाज ने अब आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन की योजना बनाई है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर उठ रहे विरोधों के बीच सवाल यह है कि इस शर्मनाक मामले के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस किस दिशा में कार्रवाई करेंगे।
अग्रिम कार्रवाई पर नजर
अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हालिया गिरफ्तारी के बाद, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि न्याय की प्रक्रिया तेज होगी और आरोपी को सजा मिलेगी।
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