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“8 महीने तक चक्कर लगाए, तब जाकर मिला रजिस्ट्रेशन” – CM मोहन यादव का अनुभव

UNITED NEWS OF ASIA. भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के राज्य स्तरीय सम्मेलन में अपनी सहकारिता से जुड़ी व्यक्तिगत कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “मैं खुद सहकारिता का भुक्तभोगी हूं।”

कार्यक्रम की मुख्य बातें:

  •  राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया।
  •  अपेक्स बैंक परिसर स्थित समन्वय भवन में हुआ आयोजन।
  •  सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, सहकारी समिति पदाधिकारी और सहकारी बैंक के सीईओ शामिल रहे।

सीएम ने साझा किया अपना सहकारिता अनुभव

मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग से जुड़ा अपना अनुभव बताते हुए कहा, “मैं उज्जैन से भोपाल तक मंत्रालय के चक्कर लगाता रहा, लेकिन 8 महीने तक सिर्फ कागजी कार्यवाही में फंसा रहा। मंत्री और संगठन महामंत्री की सिफारिश के बाद ही काम हुआ और रजिस्ट्रेशन मिल सका।”

उन्होंने विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि “सहकारिता विभाग के अधिकारी चाहें तो किसी को भी बचा सकते हैं, क्योंकि उन्हें सब आता है।”

सहकारिता से जुड़े अहम मुद्दे

  •  सहकारिता का मकसद सिर्फ एक को लाभ देना नहीं, बल्कि सभी को फायदा पहुंचाना है।
  •  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को दी, जिससे इसकी अहमियत साफ होती है।
  •  मल्टीपर्पज सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को दूध, मत्स्य पालन और अन्य उद्योगों में सहयोग मिलेगा।

सीएम का बड़ा बयान – “हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया”

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि “अश्वमेघ की परंपरा भी हमारी थी, लेकिन हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। यूनाइटेड स्टेट की परंपरा को सही मायने में भारत ने ही अपनाया है।”


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस संबोधन से यह स्पष्ट हुआ कि सहकारिता विभाग में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार गंभीर है। सहकारिता के माध्यम से किसानों, उद्योगों और आम जनता को अधिकतम लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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