














UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने नियमों का उल्लंघन करने पर समृद्धि विहार परियोजना के प्रमोटर ‘प्राइम डेव्हलपर्स’ पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जांच में खुलासा हुआ कि बिल्डर ने अनुबंध किए बिना खरीदारों से संपत्ति मूल्य का 10% से अधिक भुगतान प्राप्त कर लिया, जो रेरा अधिनियम, 2016 की धारा 13 का सीधा उल्लंघन है।
रेरा की जांच में सामने आया कि बिल्डर ने बिना वैध अनुबंध के ग्राहकों से एडवांस रकम ली, जिससे खरीदारों के हितों को खतरा पैदा हुआ। इस पर संज्ञान लेते हुए प्राधिकरण ने 10 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाने का फैसला किया।
रेरा प्राधिकरण ने प्रमोटरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि सभी डेवलपर्स को रेरा अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही, खरीदारों से अपील की गई कि वे केवल रेरा-पंजीकृत परियोजनाओं में ही निवेश करें ताकि किसी भी प्रकार की ठगी या कानूनी उलझनों से बचा जा सके।
यह कार्रवाई उन बिल्डर्स के लिए एक स्पष्ट संकेत है, जो नियमों की अनदेखी कर ग्राहकों को गुमराह करते हैं। रेरा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी परियोजना यदि नियमों के विपरीत कार्य करती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
रेरा की इस कार्रवाई के बाद अब खरीदारों को भी सतर्क रहने और सही प्रोजेक्ट में निवेश करने की जरूरत है। क्या आपका प्रोजेक्ट रेरा-पंजीकृत है? जांचना न भूले
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