
UNITED NEWS OF ASIA. हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2025 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानपीठ समिति ने नई दिल्ली में इस निर्णय की घोषणा की, जिससे पूरे छत्तीसगढ़ में हर्ष की लहर दौड़ गई है। इस प्रतिष्ठित सम्मान को पाने वाले वे छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार होंगे।
CM विष्णुदेव साय ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर खुशी जताते हुए कहा कि यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,
“देश के प्रतिष्ठित उपन्यासकार और कवि विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश को भारत के साहित्यिक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई है। उन्हें अशेष बधाई और उनके स्वस्थ व सृजनशील जीवन की कामना करता हूं।”
देश के लब्धप्रतिष्ठ उपन्यासकार–कवि आदरणीय विनोद कुमार शुक्ल जी को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है। आदरणीय शुक्ल जी को अशेष बधाई। उन्होंने एक बार पुनः छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक पटल पर गौरवान्वित… pic.twitter.com/yFjGGPLS2j
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) March 22, 2025
विनोद कुमार शुक्ल – छत्तीसगढ़ की साहित्यिक विरासत का गौरव
राजनांदगांव में 1 जनवरी 1937 को जन्मे विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य जगत में योगदान अमूल्य है। वे पिछले 50 वर्षों से निरंतर साहित्य सृजन कर रहे हैं। उनकी पहली कविता “लगभग जयहिंद” 1971 में प्रकाशित हुई थी, जो हिंदी कविता के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण रचना साबित हुई।
मुख्य कृतियाँ
कविता संग्रह:
लगभग जयहिंद (1971)
वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह (1981)
सब कुछ होना बचा रहेगा (1992)
अतिरिक्त नहीं (2000)
कविता से लंबी कविता (2001)
आकाश धरती को खटखटाता है (2006)
कभी के बाद अभी (2012)
कवि ने कहा – चुनी हुई कविताएँ (2012)
प्रतिनिधि कविताएँ (2013)
उपन्यास:
नौकर की कमीज़ (1979)
खिलेगा तो देखेंगे (1996)
दीवार में एक खिड़की रहती थी (1997)
हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ (2011)
यासि रासा त (2017)
एक चुप्पी जगह (2018)
प्रमुख सम्मान और उपलब्धियाँ
- गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप (म.प्र. शासन)
- रज़ा पुरस्कार (मध्यप्रदेश कला परिषद)
- शिखर सम्मान (म.प्र. शासन)
- राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान (म.प्र. शासन)
- दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान (मोदी फाउंडेशन)
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (भारत सरकार)
- हिंदी गौरव सम्मान (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, उ.प्र. शासन)
साहित्य प्रेमियों और छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण
विनोद कुमार शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य में नए आयाम स्थापित किए हैं। उनकी रचनाएँ संवेदनशीलता, गहरी विचारशीलता और सरल भाषा के लिए जानी जाती हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने की घोषणा ने साहित्य जगत में उत्साह भर दिया है, और यह सम्मान छत्तीसगढ़ के साहित्यिक गौरव को राष्ट्रीय स्तर पर नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
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