
UNITED NEWS OF ASIA. बीजापुर। पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में 75 दिनों की गहन जांच के बाद विशेष जांच दल (SIT) ने सोमवार को बीजापुर व्यवहार न्यायालय में 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में 762 पन्नों का चालान और 479 पन्नों की कैश डायरी शामिल है। जांच के दौरान SIT ने आरोपियों के खिलाफ कई ठोस सबूत जुटाए और 50 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए।

क्या है पूरा मामला?
1 जनवरी 2025 की रात बीजापुर के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने अपने साथियों दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में फेंक दिया।
अगले दिन जब मुकेश चंद्राकर घर नहीं लौटे, तो स्थानीय पत्रकारों ने कोतवाली में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और 2 जनवरी की शाम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर के सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया। घटना के महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था।

SIT की जांच और चौंकाने वाले खुलासे
- पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित 11 सदस्यीय SIT ने इस हत्याकांड के हर पहलू की बारीकी से जांच की।
- चार्जशीट में हत्या की साजिश, वारदात की पूरी योजना और आरोपियों के आपसी संबंधों को विस्तार से उजागर किया गया है।
- SIT ने डिजिटल सबूत, कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर चार्जशीट तैयार की है।
- पुलिस ने आरोपियों के घर से मुकेश चंद्राकर से जुड़ी कुछ निजी वस्तुएं भी बरामद की हैं, जो हत्या में उनके संलिप्तता को साबित करती हैं।
अगले कदम
SIT की ओर से न्यायालय में पेश किए गए इस चालान के बाद अब अदालत में मुकदमे की सुनवाई जल्द शुरू होगी। माना जा रहा है कि इस केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर जल्द ही आरोपियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।













