
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | कर्नाटक सरकार के एक विवादित फैसले ने देशभर की सियासत में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आड़े हाथों लेते हुए इसे “संविधान की आत्मा के खिलाफ” बताया, जबकि डिप्टी सीएम साव ने इसे “वोट बैंक की राजनीति” करार दिया।
CM साय का तीखा हमला – “संविधान की मूल भावना का अपमान”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा,
“कांग्रेस जहां भी सत्ता में आती है, वहां संविधान की मूल आत्मा का गला घोंटने का प्रयास करती है। मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण देना न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि समाज में वैमनस्यता फैलाने की सोची-समझी साजिश है। खड़गे जी, इतिहास आपको माफ नहीं करेगा!”CM साय ने कहा कि अदालतें पहले भी धर्म आधारित आरक्षण को अवैध ठहरा चुकी हैं। ऐसे में कर्नाटक सरकार का यह फैसला न्यायिक समीक्षा में टिक नहीं पाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर आदिवासियों, दलितों और वंचित वर्ग के हक छीनने का आरोप लगाया।
“खड़गे जी, खुद वंचित समाज से आते हैं, फिर भी सोनिया और राहुल गांधी के बहकावे में आकर अपने ही समाज के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन रहे हैं।”
डिप्टी CM साव का राहुल गांधी पर वार – “संविधान का अपमान कर रहे हैं”
डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“राहुल गांधी देशभर में संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं और अब उन्हीं के निर्देश पर संविधान की भावना के खिलाफ काम कर रहे हैं। धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के मूल सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है। बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों के खिलाफ कांग्रेस की यह राजनीति देश को तोड़ने की साजिश है।”अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह फैसला सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा है। इससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।
“संविधान धर्म के आधार पर भेदभाव को सख्ती से मना करता है। कांग्रेस वोट बैंक के लिए देश को बांटने की कोशिश कर रही है।”
भाजपा ने सोशल मीडिया पर किया हमला
छत्तीसगढ़ भाजपा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने कई पोस्टर और कार्टून जारी कर कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। एक पोस्टर में राहुल गांधी को तंज कसते हुए दिखाया गया है कि “संविधान बचाओ की बात करने वाले अब संविधान तोड़ने में लगे हैं।”
कर्नाटक सरकार का फैसला क्या है?
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (KTPP) एक्ट में बदलाव कर सरकारी ठेकों में मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण देने का फैसला किया है।
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगाई थी।
- हाल ही में पेश किए गए बजट में सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए ₹4700 करोड़ की योजनाओं की घोषणा की थी।
- मस्जिद के इमाम को ₹6000 मासिक भत्ता देने का ऐलान किया गया है।
- वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए ₹150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- उर्दू स्कूलों के लिए ₹100 करोड़ और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए ₹1000 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
- लोक निर्माण विभाग में 4% ठेकेदारी मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित की गई है।
भाजपा का बड़ा ऐलान – “कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी”
भाजपा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले को संवैधानिक संकट बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की जाएगी।
“कांग्रेस ने समाज को बांटने का काम किया है। धर्म के आधार पर आरक्षण देकर कांग्रेस ने देश के संविधान का अपमान किया है।”
अगला कदम क्या होगा?
- भाजपा इस मुद्दे को लेकर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रही है।
- कांग्रेस ने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि “यह फैसला पिछड़े मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए लिया गया है।”
- अदालत में इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी हो रही है।
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