कबीरधामछत्तीसगढ़पंडरिया

अधिकारी के बदलने से क्या होगा.. आखिर सिस्टम से काम सिखा कर चले जाते है.. जो भी बैठा उसने लुटा

अधिकारी, कंप्यूटर प्रोग्रामर, अकाउंटेंट.. पर आरोप के ऊपर आरोप कार्यवाही शून्य

गन्ना किसानों का भुगतान अब भी शेष

क्या भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से उभर पाएगा कारखाना या फिर लग जाएगा ताला ?

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। जिले के पंडरिया विधानसभा में संचालित लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के गंभीर आरोपों के बीच किसानों का आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। पैराई सत्र 2024-25 के दौरान गन्ना बेचने के करीब साढ़े तीन माह बाद भी 6953 किसानों का लगभग 39.45 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है।

भुगतान में देरी से किसान परेशान

पैराई सत्र 2024-25 के तहत 24 नवम्बर से 19 फरवरी के बीच कारखाना प्रबंधन ने कुल 7659 पंजीकृत गन्ना उत्पादक किसानों से 15,01,534.19 क्विंटल गन्ने की खरीदी की थी। इसका कुल भुगतान 47.31 करोड़ रुपये होना था। लेकिन अब तक सिर्फ 2724 किसानों को 2,76,917.85 क्विंटल गन्ने के लिए 7.85 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है। इसका मतलब है कि शेष 39.45 करोड़ रुपये का भुगतान अब भी बाकी है।

प्रबंधन और शासन की चुप्पी से बढ़ रही किसानों की चिंता

भुगतान की देरी को लेकर किसानों और विभिन्न संगठनों द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही है। लेकिन कारखाना प्रबंधन और शासन द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसानों का कहना है कि भुगतान न होने से उनकी आजीविका पर संकट गहरा गया है। खासकर होली के त्योहार के समय किसानों के हाथ खाली हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है।

भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप

कारखाने के भीतर फैले कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। आरोप है कि अधिकारी, कंप्यूटर प्रोग्रामर और अकाउंटेंट के स्तर पर गड़बड़ी हो रही है। लेकिन इसके बावजूद अब तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कारखाने के अंदर से बार-बार भ्रष्टाचार और लापरवाही की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे किसानों का भरोसा टूटता जा रहा है।

विपक्ष का हमला

विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा है। विपक्ष का आरोप है कि कारखाने के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के चलते किसानों को उनके हक का भुगतान नहीं मिल रहा है। साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा शक्कर का कोटा जारी न होने की वजह से भी स्थिति बिगड़ रही है।

क्या बंद हो जाएगा कारखाना?

भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की वजह से पंडरिया शक्कर कारखाना के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर प्रबंधन और शासन ने समय रहते स्थिति को नहीं संभाला, तो आशंका जताई जा रही है कि कारखाने के संचालन पर ताला लग सकता है।

किसानों की मांग

किसानों ने शासन से मांग की है कि पैराई सत्र 2024-25 के दौरान हुए लंबित भुगतान को जल्द से जल्द ब्याज सहित जारी किया जाए। साथ ही कारखाने में फैले भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page