
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। भारत सरकार ने दक्षिण-पूर्व एशियाई (South East Asia) देशों में फंसे 266 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है। ये सभी भारतीय नागरिक साइबर क्राइम केंद्रों में कैद थे। भारतीय नागरिकों को नौकरी के झांसे में फंसाकर इन केंद्रों में ले जाया गया था, जहां उन्हें जबरन साइबर फ्रॉड के काम में लगाया जा रहा था।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के विमान के माध्यम से इन भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने की व्यवस्था की। इससे पहले भी सोमवार को 283 भारतीयों को इसी तरह वापस लाया गया था।
कैसे हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन?
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास ने म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ मिलकर इन भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए। म्यांमार सरकार ने बंधकों को छुड़ाने और उन्हें थाईलैंड शिफ्ट करने के लिए अपनी सेना को तैनात किया, जहां से भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा उन्हें भारत लाया गया।
गोल्डन ट्रायंगल बना साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट
दक्षिण-पूर्व एशिया के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र, जहां थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की सीमाएं मिलती हैं, को साइबर क्राइम का केंद्र माना जाता है। यहां से फर्जी कॉल सेंटर चलाए जाते हैं, जिनमें फंसे लोगों को जबरन साइबर फ्रॉड में शामिल किया जाता है।
नौकरी के नाम पर दिया धोखा
प्रवक्ता ने बताया कि ये सभी भारतीय बेहतर नौकरी के झांसे में फंसकर इन देशों में पहुंचे थे। वहां से उन्हें जबरदस्ती साइबर फ्रॉड में धकेल दिया गया। फंसे हुए लोगों में भारत के विभिन्न राज्यों के नागरिक शामिल हैं।
MEA Spokesperson Randhir Jaiswal tweets, “Government of India arranged for the safe repatriation of 266 Indians yesterday by an IAF aircraft, who were released from cybercrime centres in South East Asia. On Monday, 283 Indians were similarly repatriated. Indian Embassies worked… pic.twitter.com/nMQ1HdAQLg
— ANI (@ANI) March 12, 2025
विदेश मंत्रालय की सलाह
इस घटना के बाद विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को आगाह किया है कि:
- विदेश में नौकरी का ऑफर स्वीकार करने से पहले नियोक्ता की साख की पूरी तरह से पुष्टि करें।
- विदेश में काम के लिए जाने से पहले भारतीय मिशनों (Indian Embassies) से संपर्क करें।
- भर्ती एजेंटों और कंपनियों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करें।
सरकार की त्वरित कार्रवाई ने बचाई जानें
सरकार द्वारा चलाए गए इस रेस्क्यू ऑपरेशन से भारतीय नागरिकों को बड़ी राहत मिली है। जिन परिवारों ने अपने परिजनों की वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी, उनके चेहरों पर खुशी लौट आई है। विदेश मंत्रालय ने भरोसा दिया है कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।













