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किसानों के हक की लड़ाई: हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मामले में सरकार और जिंदल स्टील को घेरा

UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने गारे 4/6 कोल ब्लॉक भूमि अधिग्रहण विवाद में दायर याचिका पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कलेक्टर रायगढ़, एसडीओ घरघोड़ा और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। 49 प्रभावित किसानों द्वारा दायर इस याचिका में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

किसानों की आपत्ति: अधिग्रहण प्रक्रिया और मुआवजा

याचिका में किसानों ने आरोप लगाया है कि नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बावजूद छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 247 के तहत भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुआवजा 2010 की अधिसूचना के आधार पर निर्धारित किया गया है, जबकि पिछले 15 वर्षों में भूमि के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं।

याचिकाकर्ताओं की दलीलें

किसानों की ओर से हाईकोर्ट में अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा ने तर्क दिया कि गारे 4/6 कोल ब्लॉक के लिए सितंबर 2024 में भूमि अधिग्रहण शुरू किया गया था, जबकि इसका खनन पट्टा 2023 में ही जारी कर दिया गया था। यह संविधान के अनुच्छेद 300A का उल्लंघन है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति की निजी भूमि को बिना उचित प्रक्रिया और मुआवजा दिए अधिग्रहण नहीं किया जा सकता।

याचिका में संविधान की धारा 254 का हवाला भी दिया गया, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाया गया है, तो उस पर राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून लागू नहीं हो सकते। ऐसे में, यह भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया असंवैधानिक मानी जानी चाहिए।

सरकार की प्रतिक्रिया और कोर्ट का रुख

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और शशांक ठाकुर ने तर्क दिया कि इस मामले में पहले भी एक याचिका दायर की गई थी, जिसके आधार पर कलेक्टर को समाधान के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर ने सभी समस्याओं का समाधान कर दिया है, इसलिए यह नई याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है।

इसके जवाब में याचिकाकर्ताओं ने बताया कि पिछली याचिका केवल 8 प्रभावित किसानों ने दायर की थी, जबकि इस बार 49 किसानों ने न्याय की गुहार लगाई है। इस याचिका के जरिए यह खुलासा हुआ कि भूमि अधिग्रहण शुरू होने से पहले ही माइनिंग लीज जारी कर दी गई थी।

कोर्ट ने सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि 8 व्यक्तियों की पुरानी याचिका के आधार पर 49 व्यक्तियों की नई याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट का निर्देश: सभी पक्षों से जवाब तलब

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र सरकार (कोयला मंत्रालय), राज्य सरकार, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, कलेक्टर रायगढ़ और एसडीओ घरघोड़ा को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

अगली सुनवाई की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। यह मामला छत्तीसगढ़ में भूमि अधिग्रहण और औद्योगिक परियोजनाओं के तहत किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मुकदमे के रूप में देखा जा रहा है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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