
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लोग आवास योजना से हो रहे लाभान्वित
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | घर सिर्फ चार दीवारों का नाम नहीं, बल्कि यह एक परिवार के सपनों, सुरक्षा और आत्म-सम्मान का प्रतीक होता है। आर्थिक अभाव के चलते कई परिवारों का पक्के मकान का सपना अधूरा ही रह जाता है, विशेषकर दुर्गम पहाड़ियों, वन क्षेत्रों और पहुंच विहीन स्थानों में निवास करने वाले जरूरतमंद समुदायों का। ऐसे ही जरूरतमंदों के सपनों को साकार कर रही है केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आदिवासी महा न्याय अभियान योजना (पीएम जनमन योजना), जिसका प्रमुख घटक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, वनांचल क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
सुकली बाई की प्रेरणादायक कहानी
ग्राम मोतिमपुर, ग्राम पंचायत – पंडरिया, विकासखंड बोड़ला, जिला कबीरधाम की रहने वाली सुकली बाई मेरावी, विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय से आती हैं। पहले उनका परिवार एक जर्जर कच्चे मकान में रहता था, जहां बरसात में पानी टपकता था, दीवारों में सीलन और गंदगी बनी रहती थी। सांप-बिच्छुओं और अन्य जहरीले जीवों का खतरा हमेशा बना रहता था। सामाजिक स्तर पर भी उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन प्रधानमंत्री जनमन योजना ने उनकी इस समस्या का स्थायी समाधान कर दिया।
एक नजर सुकली बाई को मिले आवास पर
ग्रामसभा द्वारा सुकली बाई के नाम आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के तहत उन्हें चार किश्तों में कुल 2 लाख रुपये की सहायता मिली:
- प्रथम किश्त: 40,000 रुपये (DBT के माध्यम से बैंक खाते में अंतरित)
- द्वितीय किश्त: 60,000 रुपये (आवास निर्माण की प्रगति के अनुसार)
- तृतीय किश्त: 80,000 रुपये
- अंतिम किश्त: 20,000 रुपये (आवास पूर्ण होने के उपरांत)
इन किश्तों से उनका पक्का मकान बनकर तैयार हो गया। अब उनका परिवार सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।
आवास के साथ अन्य लाभ भी हुए प्राप्त
सुकली बाई को सिर्फ आवास ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिला:
- मनरेगा जॉब कार्ड: 95 मानव दिवस का रोजगार और ₹23,085 मजदूरी भुगतान।
- स्वच्छ भारत अभियान: शौचालय निर्माण की सुविधा।
- अन्य सरकारी योजनाएं: राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना आदि का लाभ।
खुशियों से भरा नया जीवन
सुकली बाई खुशी-खुशी कहती हैं, “पहले हमारा जीवन बहुत कठिन था, लेकिन अब हमारा पक्का मकान है। समाज में अब हमें सम्मान मिलता है। रिश्तेदार अब घर आने पर रुकते हैं और हमारे नए घर की तारीफ करते हैं।”
प्रधानमंत्री जनमन योजना से मिले आवास ने सुकली बाई और उनके परिवार के जीवन में खुशहाली ला दी है। यह योजना सिर्फ एक घर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सम्मान का प्रतीक बन गई है।
















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