
UNITED NEWS OF ASIA. बलौदाबाजार। पंचायत चुनाव 2025 के दौरान बलौदाबाजार के ग्राम पंचायत कुकुरदी में बड़ा विरोध देखने को मिला। गांव के निवासियों ने सांवरा जाति के लोगों को पंचायत में शामिल करने के फैसले के खिलाफ मतदान का बहिष्कार कर दिया। सुबह से शाम तक मतदान केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहा, और अंततः पुलिस को स्थिति संभालनी पड़ी।
198 सांवरा मतदाताओं ने डाला वोट, लेकिन बाकी ग्रामीण अड़े रहे
प्रशासन की समझाइश के बाद सांवरा जाति के पुरुषों और महिलाओं ने मतदान किया, जिससे कुल 198 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, ग्राम पंचायत कुकुरदी के अन्य ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे और मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचे।
ग्रामीणों का विरोध – आखिर क्यों?
- 10 वर्षों से विरोध जारी: ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने पहले सांवरा जाति के लोगों को बलौदाबाजार के वार्ड नंबर 2 में मतदान करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब उन्हें जबरन ग्राम पंचायत कुकुरदी में जोड़ दिया गया।
- बिना पूर्व सूचना बदलाव: पहले बलौदाबाजार में मतदान करने वाले सांवरा जाति के मतदाताओं को अचानक कुकुरदी पंचायत में जोड़ा गया, जिससे स्थानीय निवासियों में नाराजगी फैल गई।
- स्थायी समाधान की मांग: ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन सांवरा जाति के मतदाताओं के लिए अलग मतदान केंद्र निर्धारित करे या उन्हें उनके पुराने स्थान पर ही वोट डालने दिया जाए।
प्रशासन की पहल – शांति से हुआ मतदान
विवाद को देखते हुए अपर कलेक्टर दीप्ति गौते मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। प्रशासन की समझाइश के बाद मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
क्या जिला प्रशासन निकालेगा समाधान?
ग्राम पंचायत कुकुरदी के ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी समुदाय को उनके अधिकार से वंचित नहीं करना चाहते, लेकिन प्रशासन को उनकी वर्षों पुरानी मांगों पर विचार करना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाएगा और भविष्य में पंचायत चुनाव में ऐसी स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाएगा?













