
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व महापौर एजाज ढेबर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। राज्य की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने एजाज ढेबर और उनके परिजनों को नोटिस जारी किया है, और जल्द ही उनसे पूछताछ की जा सकती है।
ईडी की जांच और घोटाले का खुलासा
जनवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू-एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई थी। ईडी ने अपने आवेदन में आरोप लगाया था कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर ने मिलकर 2000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया।
ईओडब्ल्यू-एसीबी की जांच में बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट होलोग्राम बरामद हुए, जो इस घोटाले का प्रमुख साक्ष्य बने। अनवर ढेबर की संपत्तियों की खुदाई के दौरान भारी मात्रा में ये डुप्लीकेट होलोग्राम बरामद हुए थे। अब एजाज ढेबर और उनके करीबी रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा सकती है।
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में
शराब घोटाले की जांच के तहत हाल ही में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हिरासत में लिया था। उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया और वर्तमान में वे जेल में हैं। ईडी के अनुसार, घोटाले के जरिए हर महीने लखमा को 2 करोड़ रुपये का कमीशन दिया जाता था।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
शराब घोटाले की जांच सबसे पहले आयकर विभाग ने की थी। 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ में एक संगठित भ्रष्टाचार का तंत्र चल रहा था, जिसमें शराब की अवैध बिक्री और दलाली से करोड़ों रुपये की उगाही की गई।
ईडी की जांच में सामने आया कि 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर CSMCL के जरिए शराब बिक्री का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने इस घोटाले का संचालन किया। उन्होंने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त कराया और फिर अफसरों, कारोबारियों और राजनेताओं के गठजोड़ के जरिए यह भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।
ईओडब्ल्यू की एफआईआर में शामिल प्रमुख नाम
जनवरी 2024 में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने शराब घोटाले में लगभग 70 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- अनिल टुटेजा (तत्कालीन संयुक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग)
- अनवर ढेबर (व्यवसायी और घोटाले के कथित सरगना)
- अरुणपति त्रिपाठी (तत्कालीन एमडी, CSMCL)
- कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री)
- निरंजन दास (तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
- जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
- अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
- विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
- अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
- प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
- रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
- विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
- इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
- नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
- नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
- मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
- सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
- आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
- अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
- हित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
- नीतू नोतानी (उपायुक्त)
- रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
- गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
- नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
- सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
- अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
- नवनीत गुप्ता
- विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
- यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
- लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल (निवासी भिलाई)
- विधु गुप्ता (प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस)
- सिद्धार्थ सिंघानिया (मेसर्स सुमीत फैसलिटीस)
- अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
- अन्य आबकारी अधिकारीगण
- विकास अग्रवाल के साथीगण
क्या होगा आगे?
ईओडब्ल्यू अब एजाज ढेबर और उनके परिजनों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। इस मामले में आगे कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, ईडी और आयकर विभाग इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रहे हैं।
शराब घोटाले का दायरा बढ़ता जा रहा है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।













