“19-20 होता है, लेकिन जिम्मेदारी सरकार की”
सिंहदेव ने स्वीकार किया कि किसी भी सरकार में “19-20” की बातें होती हैं। लेकिन यह भी कहा कि शासन की जिम्मेदारी है कि जहां गलत हो रहा है, वहां तत्काल हस्तक्षेप कर उसे रोका जाए।
ED की कार्रवाई पर सवाल
टीएस सिंहदेव ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ED की प्रक्रिया को ही सजा बना दिया गया है। लंबे समय तक आरोप लगते हैं, लेकिन साक्ष्य के अभाव में बेल नहीं मिलती। अगर साक्ष्य पहले से थे, तो गिरफ्तारी पहले क्यों नहीं की गई?”
भूपेश बघेल पर कार्रवाई को बताया राजनीतिक षड्यंत्र
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ED की कार्रवाई को लेकर सिंहदेव ने कहा कि बघेल पहले से ही टारगेट पर रहे हैं। “अगर उनके खिलाफ साक्ष्य हैं, तो आरोप लगाने के बजाय ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?” उन्होंने महादेव ऐप मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि आरोप लगाए गए, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिले।
बघेल का पलटवार: ‘छापों में 1 रुपये भी नहीं मिला’
गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भूपेश बघेल ने कहा, “कवासी लखमा के यहां छापे के दौरान 1 रुपये भी बरामद नहीं हुआ। न ही कोई कागजात मिले। फिर भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर किया।”
बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि बीजापुर में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या इसी कड़ी का हिस्सा थी।
क्या है मामला?
पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने अपनी गिरफ्तारी के बाद खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि वह अनपढ़ हैं और अधिकारियों ने जहां साइन करने को कहा, उन्होंने कर दिया। अब इस मामले में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी और ED की कार्रवाई से जुड़े इस मामले ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ा दी है। विपक्षी दल इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बता रहे हैं, जबकि सरकार इसे सुशासन की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है।