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Raipur News : किसानों ने रकबा समर्पण कर सरकार के 658 करोड़ रुपए बचाए, पहली बार हुई इतनी बड़ी राहत

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर. धान की अच्छी खासी कीमत मिलने के कारण किसान अपने रकबे के पूरे लिमिट के हिसाब से धान बेचने के लिए जद्दोजहद में लगे हैं. ऐसे में सरकार के सामने धान खरीदी एक समस्या के रूप में खड़ी होती नजर आ रही है. इसको देखते हुए शासन प्रशासन ने समितियों को निशित कर किसानों से रकबा समर्पण कराने के मौखिक आदेश जारी किए. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के नजरिए से इसका अच्छा असर देखने को मिल रहा है. अब तक के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर राज्य के 5 लाख 40 हजार 970 किसानों से 1 करोड़ 10 लाख 9 हजार 927 एकड़ का रकबा समर्पण कराकर सरकार के 658 करोड़ 15 लाख 62 हजार 477 रूपए बचा लिए हैं. समर्थन मूल्य पर इस बार सरकार ने धान की कीमत और खरीदी का रकबा बढ़ा दिया है. किसानों की ओर से अपने रकबे का शतप्रतिशत धान बेचने की जद्दोजहद जारी है.

पहली बार इतनी तादाद में रकबा समर्पण

धान खरीदी के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसा पहली बार हुआ है. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी समाप्त होने में अभी एक 15 दिन शेष है, जब किसानों ने इतनी अधिक संख्या में धान का रकबा समर्पित किया है. आम तौर पर किसानों द्वारा जितने रकबे का पंजीयन कराया जाता था, उतने रकबे का धान खरीदी केंद्रों में कहीं न कहीं से लाकर बिक्री कर लेते थे. इस बार निगरानी और सख्ती बरतने और समितियों पर प्रशासन को मौखिक दबाव के कारण किसानों ने रकबा समर्पण किया और बिचौलियों, कोचियों की कमाई के माध्यम पर विराम लगा है.

सहकारी बैंक पर 78 करोड़ बोझ कम

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के अंतर्गत बिलासपुर के अलावा जीपीएम, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली और सक्ती जिले आते हैं. यहां भी रकबा समर्पण का अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा है. आंकड़ो पर गौर किया जाए तो इन सभी 6 जिलों के 1 लाख 38 हजार 306 किसानों ने 12 हजार 105 एकड़ रकबे का समर्पित किया है. इन जमीन के एवज में यदि किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल के दर धान बेचते तो 2 लाख 54 हजार 205 क्विंटल धान की खरीदी होती. इसक एवज में सरकार प्रति क्विंटल 31 सौ के दर पर राशि जारी करती तो तबरीबन 78 करोड़ 80 लाख 35 हजार से अधिक रूपए का धान खरीदी करना पड़ता.

 

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