छत्तीसगढ़धमतरी

टाइगर रिज़र्व अरसीकन्हार: चार साल से अधूरा निर्माण, जंगलों से अवैध रेत निकासी पर सवाल

वन विभाग की अनदेखी और सरकारी धन की बर्बादी

UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, नगरी। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व के अरसीकन्हार रेंज में लाखों रुपये खर्च कर कर्मचारियों के लिए आवास क्वार्टर बनाए जा रहे हैं, लेकिन पिछले चार वर्षों से यह निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं, वन विभाग कैंपस को घेरने के लिए बनाए गए अहाते का निर्माण भी गुणवत्ताहीन है और अब तक अधूरा है। दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं, और प्लास्टर का काम अभी तक नहीं हुआ है।

धमतरी जिले के तीन रेंज टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत आते हैं, जिनका मुख्यालय गरियाबंद में स्थित है। इस कारण धमतरी के टाइगर रिज़र्व क्षेत्र विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। यहां के ग्रामीणों को सड़क, बिजली और अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए वन विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन, टाइगर रिज़र्व के अधिकारी नियम-कायदों का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं।

वन विभाग का ध्यान निर्माण कार्यों से भटका

ग्रामीणों की समस्याओं के साथ-साथ वन विभाग खुद के निर्माण कार्यों पर भी ध्यान नहीं दे रहा है। कर्मचारियों के लिए बनाए जा रहे कई आवास क्वार्टर अधूरे पड़े हैं। जो क्वार्टर बनकर तैयार हो चुके हैं, वे भी रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रहे हैं। कई स्थानों पर बने क्वार्टर में कर्मचारी रहने तक नहीं आते, जिससे ये भवन इस्तेमाल से पहले ही बेकार हो रहे हैं।

जंगलों से अवैध रेत निकासी जारी

निर्माण कार्यों के लिए सरकार ने टेंडर जारी कर ठेकेदारों से रेत खरीदने का प्रावधान किया है। लेकिन, अरसीकन्हार रेंज में वन विभाग के अधिकारी जंगलों से अवैध तरीके से रेत निकलवा रहे हैं। ट्रैक्टरों के माध्यम से नदियों से रेत निकाली जा रही है। मजदूरों ने इस बात की पुष्टि की कि यह काम वन विभाग के निर्देश पर किया जा रहा है।

क्वार्टर अधूरे, अराजक तत्वों का अड्डा बने नए भवन

अरसीकन्हार फॉरेस्ट कैंपस में पहले से दो क्वार्टर हैं, जिनमें से एक में रिसगांव रेंज का कर्मचारी रहता है और दूसरे में अरसीकन्हार का। पांच नए क्वार्टर का निर्माण हो रहा है, जो अधूरे हैं। मेचका और लिलाज में भी नए क्वार्टर अधूरे हैं। भैसासाकरा में एक नया भवन बनकर तैयार हुआ, लेकिन दरवाजे न लगने के कारण यह अब अराजक तत्वों का अड्डा बन चुका है।

रेजर ने जानकारी देने से किया इनकार

इस संबंध में जब अरसीकन्हार रेंज की रेंजर प्रतिभा मेश्राम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि मजदूर कृषि कार्य में व्यस्त होने के कारण काम रुका हुआ है। जंगल से रेत निकालने के सवाल पर उन्होंने फोन काट दिया।

वन विभाग की अनदेखी और अधिकारियों की मनमानी के कारण न केवल सरकारी धन की बर्बादी हो रही है, बल्कि पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन भी हो रहा है। इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की जरूरत है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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