सरकार खुद पहुंचेगी पात्र लोगों तक
इस नई व्यवस्था के तहत, पात्र व्यक्ति को किसी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके बजाय, सरकार खुद उनके घर जाकर बताएगी कि वे किस योजना के पात्र हैं। उदाहरण के तौर पर, महतारी वंदन योजना के लिए पात्र महिलाओं को सॉफ़्टवेयर से चिन्हित किया जाएगा और उनकी राशि सीधे उनके खाते में जमा कर दी जाएगी।
कैसे काम करेगा ई-रिकॉर्ड सिस्टम?
- जन्म के साथ रिकॉर्ड तैयार: बच्चे का नाम, माता-पिता की जानकारी और जाति जन्म के साथ ही दर्ज हो जाएगी।
- प्रमाण पत्र स्वतः जनरेट होंगे: जैसे-जैसे व्यक्ति बड़े होते जाएंगे, उनके सभी प्रमाण पत्र (जैसे जाति, आय, निवास, शिक्षा) ई-लॉकर में स्टोर हो जाएंगे।
- ऑटो-फिल सिस्टम: 10वीं-12वीं के बाद सर्टिफिकेट, प्रतियोगी परीक्षा के आवेदन और अन्य सभी रिकॉर्ड व्यक्ति के अंगूठे से स्वतः भर जाएंगे।
- भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम: सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होने से भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों की समस्या खत्म हो जाएगी।
25 प्रकार के सर्टिफिकेट होंगे ई-लॉकर में
यह सॉफ़्टवेयर 25 प्रकार के प्रमाण पत्र को एकीकृत करेगा। जन्म, जाति, आय, निवास, शिक्षा और अन्य सभी प्रमाण पत्र एक ही जगह स्टोर होंगे। इसके लिए बार-बार कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी।
सुविधा और पारदर्शिता का नया अध्याय
सीईओ, चिप्स, प्रभात मलिक ने कहा, इस सॉफ़्टवेयर के लागू होने के बाद, नागरिकों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह सुशासन की दिशा में बड़ा कदम है।”
अगले डेढ़ साल में लागू होगा सिस्टम
सॉफ़्टवेयर पर काम शुरू हो चुका है, जिसे डेढ़ साल के भीतर लागू करने की योजना है। पुराने प्रमाण पत्र स्कैन कर ई-रिकॉर्ड में जोड़े जाएंगे, और नए दस्तावेज स्वचालित रूप से अपडेट होंगे।
सरकार के साथ नागरिकों का डिजिटल जुड़ाव
इस पहल से बच्चों के टीकाकरण जैसे मौलिक अधिकारों पर भी फोकस किया जाएगा। जिन्हें समय पर टीके नहीं लगे हैं, उन्हें पहचानकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस नई प्रणाली से न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि योजनाओं के लाभ जरूरतमंदों तक सीधे और पारदर्शी तरीके से पहुंचेंगे।