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Chhattisgarh : विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान गूंजा फायर-सेफ्टी का मुद्दा, मंत्री और विधायक के बीच तीखी बहस

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को कार्यवाही जारी है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अस्पतालों में फायर सेफ्टी का मुद्दा गूंजा। कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि, मार्केट में फायर ऑडिट के सर्टिफिकेट 2 हजार रुपए में बिक रहे हैं। धर्मजीत सिंह ने पूछा कि, फायर सेफ्टी के लिए क्या प्रावधान ? कब-कब फायर सेफ्टी का ऑडिट कराया गया ?

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने फायर सेफ्टी की जानकारी देते हुए कहा कि, 30 बिस्तर अधिक और 9 मीटर ऊंचे अस्पतालों में फायर सेफ्टी अनिवार्य है। समय-समय पर फायर सेफ्टी का ऑडिट कराया जाता है। लापरवाही पाए जाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। फायर ऑडिट का काम छत्तीसगढ़ में गृह विभाग करती है और प्रमाण पत्र भी गृह विभाग देती है।

मंत्री जी को फायर ऑडिट की सही जानकारी नहीं- धर्मजीत

धर्मजीत सिंह ने कहा कि, मंत्री जी के पास फायर ऑडिट की सही पूरी जानकारी नहीं है। अगर काम गृह विभाग का है, तब बिना जांच के आपने लाइसेंस कैसे दिया। सामने गृहमंत्री भी बैठे हैं। दोनों ही मंत्रियों से निवेदन है कि फायर ऑडिट सक्षम अधिकारियों से कराइएगा।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, प्रश्न महत्वपूर्ण और लाजमी है। इस पर पिछले 5 वर्षों में कुछ नहीं हुआ। लेकिन आपके ध्यानाकर्षण के बाद इस काम को जरूर किया जाएगा।

रमन सिंह के एक साल पूरे

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर डॉ रमन सिंह का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। जिस पर सदन के सदस्यों ने उन्हें बधाई दी।

हमर क्लीनिक निर्माण के लिए खर्च राशि का मुद्दा उठा

बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने हमर क्लीनिक निर्माण के लिए खर्च राशि का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, आखिर भवन निर्माण के लिए राशि की क्या व्यवस्था की गई है।

मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि, आयुष्मान आरोग्य मंदिर को पिछली सरकार ने हमर क्लीनिक नाम दे दिया। हमर क्लीनिक में पांच प्रकार के मानव संसाधन होते हैं। यह कार्यक्रम पूरी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संचालित होते हैं। कई अस्पतालों का निर्माण अधूरा है। इसके लिए राशि लेने भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।

राजेश मूणत ने कहा कि, भवन की जगह सिर्फ एलिवेशन बना दिए। पूर्व सरकार ने सिर्फ नाम चमकाने के लिए काम किया। पूरे प्रदेश के हमर क्लीनिक में कोई सेटअप नहीं, दवाओं की भी उपलब्धता नहीं।

जिस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने अधूरे कामों की जांच कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि, अनियमितता की भी जांच कराई जाएगी।

वित्तमंत्री करेंगे अनुपूरक अनुदान की मांग

वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस साल के दूसरे अनुपूरक राशि की मांग करेंगे। 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रुपए के अनुपूरक बजट को लेकर सदन में चर्चा होगी। इसके अलावा कई संशोधन विधेयक भी रखे जाएंगे।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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