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तेजी बच्चन की सांसे उखड़ रही थीं..डॉक्टर बचाने की कोशिश में जुटे थे, अमिताभ बच्चन को याद आए आखिरी पल!

मुंबई: अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) अपनी मां तेजी बच्चन के बहुत करीब थे। पिता हरिवंश राय बच्चन कवि थे तो मां भी मनोवैज्ञानिक के प्रोफेसर और सामाजिक कार्यों में वृद्धि-चढ़ कर ले गए थे। पूर्व प्रधान इंस्पिरेशन गांधी से भी काफी नज़दीकी थीं। अपनी मां की पुण्यतिथि पर अमिताभ ने उन्हें याद करते हुए भावुक हो गए। इस ब्लॉग में बिग बी मांं के आखिरी पलों का जिक्र करते हुए भावुक हो गए। बिग बी के ब्लॉग को पढ़ें कोई भी इमोशनल हो जाएगा।

21 दिसंबर 2007 के दिन को याद करते हुए अमिताभ बच्चन ने लिखा, ‘वह अपने नेचर की तरह शांति से चले गए। मैंने डॉक्टरों को बार-बार उनके डेलीकेट हार्ट को फिर से जिंदा करने की कोशिश करते देखा। डॉक्टर बार-बार पंप कर रहे थे। रुके थे..अपनों का हाथ थामे हुए..भतीजियों और बच्चों की आंखों में आंसू थे.. तब तक मैंने डॉक्टर से कहा छोड़ दो.. उन्हें छोड़ दो.. वह जाना चाहते हैं.. रूको.. कोई प्रयास मत करो .. हर कोशिश उनके लिए दुखदायी थी और हमारे लिए वहां रुकना दुखदायी था.. हर बार सीधी रेखा दिखाई देती है.. और फिर फिजिकल पंपिंग ग्राफिक रिस्पांस में बदल जाएगी’।

अस्पताल के एक-एक पल अमिताभ को याद करते हैं
अमिताभ आगे लिखते हैं ‘रोको इसे और उन्होंने ऐसा किया..मॉनीटर पर सीधी लाइन का सिंगुलर टोन..हम सभी को छोड़ कर चले गए..हाल ही में किसी ने अपने किसी खास के जाने के बारे में बताया था कि..वह एक बेहतरीन जगह चली गई..ऐसे शब्द हम बार-बार सुनते हैं, किसी की मौत पर संवेदना देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उनके माथे पर एक हाथ..अस्पताल में कमरे के सन्नाटे में लाखों की चमक हो रही थी और फिर उन्होंने घर जाने के लिए कहा’।

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इसके बाद तत्काल बच्चन के शव को अमिताभ के घर इंतजार कराया गया और वहां पूरी रात रखने के बाद अगले दिन अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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