छत्तीसगढ़धमतरी

Dhamtari  News :  इको टूरिज्म स्थल जबर्रा गाँव में शैक्षिक भ्रमण के लिए पहुंचे पुणे महाराष्ट्र के छात्र

जबर्रा गाँव की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता को देख हुए गदगद

बोले_मम्मी पापा के साथ फिर से आएंगे जबर्रा

जबर्रा गाँव को इको टूरिज्म के रूप में किया जा रहा है विकसित

UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी। धमतरी जिले के नगरी ब्लाक के ग्राम जबर्रा गाँव को जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण पर्यटन इको टूरिज्म के रूप में विकसित कर रहा है। यहां प्रदेश, देश विदेश से भी पर्यटक आने लगे हैं यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने पुणे महाराष्ट्र के छात्र दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए इको टूरिज्म स्थल जबर्रा गाँव पहुंचे। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और वन संसाधन को देख छात्र खुशी से गदगद हुए और मम्मी पापा के साथ पुनः इको टूरिज्म जबर्रा गाँव आने की बात कही।

इको टूरिज्म हीलर्स के अध्यक्ष  माधव सिंह मरकाम ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे समूह को इको टूरिज्म हीलर्स के नाम से जाना जाता है जिसमें 20 सदस्य निरंतर यहां कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे गांव में एशिया महाद्वीप में सबसे ज्यादा औषधि पाए जाने वाला जंगल है। हम लोग जबसे टूरिज्म समिति चला रहे हैं तब से विदेश के लोग भी आते हैं और आदिवासी कल्चर आदिवासी पारंपरिक भोजन एवं अन्य प्राकृतिक गतिविधियां की उन्हें जानकारी देते हैं।

जबर्रा गाँव औषधीय पौधों के लिए अपनी अनूठी प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है। यहां लंबी पैदल यात्रा, ट्रेकिंग, नेचर ट्रेल वॉक के लिए एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल है । वे जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कार्य करते हैं उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए बताया कि वे अभी बाहर कार्य करने नहीं जाते हैं और यह इको टूरिज्म 2020 से प्रारंभ हुआ है। उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे हम यहां आने वाले पर्यटकों को सही जानकारी दे सकें। पर्यटको के आने से अब उनकी आर्थिक मे सुधार हो रहा है।

इको टूरिज्म हीलर्स समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण में पुणे महाराष्ट्र से आए छात्रों को वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के औषधीय जड़ी बूटियों, पहाड़ों एवं घने वनों , पारंपरिक आदिवासी संस्कृति, खानपान भोजन के संबंध में जानकारी छात्रों को दी गई।

शैक्षणिक भ्रमण में आए छात्रों ने औषधि, पहाड़, संस्कृति, चिड़ियों की चहचहाहट, सुंदर वनों से सजे प्राकृतिक सुंदरता को करीब से देखा और शांति एवं सुकून महसूस किया। छात्रों ने कहा कि पुणे बड़ा शहर है जिसके कारण शुद्ध पर्यावरण हमें नहीं मिल पाता। यहां आकर शांति सुकून एवं आनंद प्राप्त हुआ। वे जंगल में जंगली जानवरों के पांव के निशान देखकर भी बेहद खुश हुए।आने वाले समय में मम्मी पापा के साथ आने की बात कही। छात्रों ने यहां की पारंपरिक इडहर की सब्जी, चिला की रोटी बहुत पसंद आयी ।

 


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