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जीसैट6 उपग्रह का बड़े पैमाने पर उपयोग 2015 में प्रक्षेपित किया गया, केंद्र के लेखापरीक्षक कैग ने कहा – India Hindi News

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भारत की एक सैटेलाइट को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में लॉन्च की गई इस सैटेलाइट का काफी हद तक उपयोग नहीं हो सका। इसने कहा कि भारत के जीसैट-6 उपग्रह का काफी हद तक उपयोग नहीं किया जा सका क्योंकि इसकी डेटा संबंधी प्रक्रिया के लिए जमीनी हिस्सा तैयार नहीं था।

कैग के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के वैज्ञानिक और सहयोगी रिपोर्टिंग रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष विभाग ने जीसैट-6 उपग्रह को अगस्त 2015 में प्रक्षेपित किया था, जिस पर 508 करोड़ रुपये की लागत आई थी। लेकिन इसका जमीनी हिस्सा तैयार नहीं होने के कारण उपग्रह का उपयोग नहीं किया जा सका। संसद में मंगलवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ”इस कारण उपग्रह के सेवा काल के करीब-करीब कुछ हिस्से तक उसका उपयोग नहीं किया जा सका।”

जीसैट-6 उपग्रह का लक्ष्य सैटेलाइट डिजिटल प्रसारण (एस-डीएमबी) सेवाओं के मोबाइल संचार जीसप्लेन प्रदान करता है, जिसकी योजना मूल रूप से देवास प्राप्त प्राइवेट लिमिटेड के साथ एकॉर्ड के तहत तैयार की गई थी। हालांकि, देवास के साथ समझौता होने के बाद उपग्रह के संचालन की योजना रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआईआरडीओ) बनाया गया, जिसका ज़मीनी हिस्सा तैयार करना था। रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष विभाग ने डीआरडीओ के साथ किसी समझौते की घोषणा पर हस्ताक्षर नहीं किया था। साथ ही, वह लक्ष्य आधारित कार्य योजना तैयार करने में भी असफल रहा।

 

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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