
UNITED NEWS OF ASIA. गरियाबंद। वक्त बदल गए, हालात बदल गए. यह बात आपने कई जगह देखी, सुनी होगी, लेकिन यह परसदा जोशी के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए हकीकत है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ठेकेदार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर रेत खदान की लीज अवधि खत्म होने के बाद भी अवैध खनन कर डाला. बीती सरकार ने तो मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब जिम्मेदारों को 4 करोड़ 25 हजार रुपए की वसूली का नोटिस थमा दिया है.
राजिम तहसील के परसदा जोशी पंचायत क्षेत्र के घाट में हुए बहुचर्चित अवैध रेत खनन के मामले में प्रशासन अब दोषियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अवैध खनन के खिलाफ माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए 4 अक्टूबर को खदान के तत्कालीन ठेकेदार संकल्प जनघेल, पूर्व सरपंच परसदा जोशी और सुनीता सोनी, सरपंच पति व पंच बेनराज सोनी, ग्रामीण हार्दिक सोनवानी के नाम नोटिस तामिल किया है. नोटिस में गौण खनिज अधिनियम के उल्लंघन के कारण गरियाबंद कलेक्टर द्वारा 4 करोड़ 25 हजार रुपए अर्थ दंड अधिरोपित किया गया है, जिसे पटाना सुनिश्चित करें.
यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार की विदाई बेला में सामने आया था. तब मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई थी. नई सरकार के आने के बाद विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से 13 फरवरी को मामला सदन के पटल में रखा था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में तो आई, लेकिन कार्रवाई करने में आठ माह का वक्त लगा दिया.
कलेक्टर के निर्देश पर भेजा नोटिस
मामले में जिला माइनिंग अधिकारी फागुलाल नागेश ने कहा कि राजस्व विभाग के कार्रवाई में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं था, दोबारा पत्राचार किया गया. 24 सितंबर को दोबारा तहसील राजिम का प्रतिवेदन आया, जिसे कलेक्टर के समक्ष रखा गया. उनके निर्देश के आधार पर अर्थ दंड वसूली हेतु संबंधित को नोटिस जारी किया गया है.
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