UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना,बेमेतरा। प्लास्टिक अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान न होना एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। एक गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री होने के कारण यह समय के साथ शीघ्र क्षय नही होता। खुले में पड़ा प्लास्टिक अपशिष्ट न केवल मृदा को दूषित कर सकता है, बल्कि जल निकासी को अवरूद्ध भी कर सकता है। प्लास्टिक को खाने से जानवर को गंभीर बीमारी भी हो सकती है साथ ही मानव जीवन को भी प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण सिंगल यूज प्लास्टिक का अत्याधिक उपयोग है। इन सभी समस्याओं से बचाव हेतु प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापन की जा रही है।
बेमेतरा जिला अन्तर्गत गांवों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन एवं उचित निपटान हेतु कलेक्टर रणबीर शर्मा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा टेकचंद अग्रवाल के मार्गदर्शन में विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम पंचायत अमोरा एवं विकासखंड साजा के ग्राम राखी में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का स्थापना किया गया है। विकासखण्ड साजा के ग्राम पंचायत राखी में स्थापित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का शुभारंभ 15 अगस्त को विधायक साजा ईश्वर साहू के द्वारा किया गया। इसी तरह ग्राम पंचायत अमोरा में स्थापित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का शुभारंभ अंजू बघेल सभापति जिला पंचायत के द्वारा किया गया।
इन यूनिट में गांवों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन किया जाएगा। इस प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापना का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्राम से निकलने वाले प्लास्टिक को विकासखंड स्तर पर प्रबंधन कर पुनः चक्रण (रिसायकल) करने, सडक़ बनाने, सीमेंट कम्पनी आदि को प्रदाय किया जाएगा। जिससे ग्रामीण स्तर पर प्लास्टिक के प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
ग्राम पंचायतों में घर-घर कचरा एकत्रीकरण का कार्य कर रहे स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह द्वारा समस्त ग्रामों में रिक्शा के माध्यम से कचरा एकत्रीकरण कर गांव को स्वच्छ बनाये रखने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। प्लास्टिक उपयोग के दूषपरिणाम -प्लास्टिक अपशिष्ट एक महत्वपूर्ण पर्यावरणी मुद्दा है, जो भूमि को बंजर बनाता है. नालियों को जाम करता है, मवेशियों द्वारा खा लेने पर उनकी मृत्यु का कारण बनता है तथा उस क्षेत्र को दृष्टिगत रूप से अस्वच्छ बनाता है। खुले में प्लास्टिक को जलाने से जहरीली गैसें निकलती है।
प्लास्टिक अपशिष्ट के अनुचित जमाव से भूमि के जल सोखने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक के उत्पादों के निर्माण में जहरीली गैसों जैसे मोनेआक्साईड व फारमेल्डिहाईड आदि निकलती है। जमीन पर प्लास्टिक अपशिष्ट के लंबे समय तक जमाव से जहरीली धातु भूमिगत जल में लीचिंग हो सकती है। निर्धारित मानको रहित प्लास्टिक की थैलियों, पतली प्लास्टिक फिल्म आदि संग्रहण, परिवहन, पुर्नचक्रण व पुनः उपयोग में समस्या पैदा करती है।