
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में चल रही नीति आयोग की बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गईं। नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता PM मोदी कर रहे हैं। इसमें भाजपा और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं।
ममता ने बैठक का वॉकआउट करने की वजह बताते हुए कहा- बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं शामिल हुई थी। भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि मुझे केवल 5 मिनट मिले।
ममता ने बताया- जब मैं पश्चिम बंगाल के मुद्दे पर बोल रही थी, तब मेरा माइक बंद कर दिया गया। मुझे अपनी पूरी बात नहीं रखने दी गई। क्या राज्य के मुद्दों को रखना गलत है। यहां मेरा और पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान किया गया।
इधर, सरकार ने पश्चिम बंगाल CM के इन आरोपों को झूठा बताया है। PIB फैक्ट चेक ने लिखा कि ममता को बोलने का पूरा मौका दिया गया था।
2047 तक विकसित भारत बनाने में राज्यों की भूमिका अहम- PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की मीटिंग में कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है। और राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं।
पीए ने यह भी कहा कि यह दशक तकनीकी और जियो-पॉलिटिकल बदलावों के साथ-साथ अवसरों का भी है। देश को इनका फायदा उठाना चाहिए। अपनी नीतियों को इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट के मुताबिक ढालना चाहिए। यह भारत को विकसित बनाने में मददगार है।
I.N.D.I.A ब्लॉक के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मीटिंग का बॉयकॉट किया
बैठक में I.N.D.I.A ब्लॉक के राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। इनमें एम के स्टालिन (तमिलनाडु), सिद्धरमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश), पी. विजयन (केरल), हेमंत सोरेन (झारखंड), भगवंत मान (पंजाब) और अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली) शामिल हैं।
ममता ने कहा था- नीति आयोग खत्म करें, योजना आयोग वापस लाएं
ममता बनर्जी ने बैठक से एक दिन पहले कहा था कि नीति आयोग खत्म करके, योजना आयोग को वापस लाओ। योजना आयोग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आइडिया था। उन्होंने आगे कहा- ये सरकार आपसी लड़ाई में गिर जाएगी, इंतजार कीजिए। इस दौरे में मेरे पास ज्यादा समय नहीं है, इसीलिए किसी नेता से मेरी मुलाकात नहीं हो रही।
नीति आयोग में 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य बनाया
केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को नीति आयोग की नई टीम का ऐलान किया था। इसमें चार पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति भवन की तरफ से इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोग के अध्यक्ष और इकोनॉमिस्ट सुमन के बेरी उपाध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा साइंटिस्ट वीके सारस्वत, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वीके पॉल और मैक्रो-इकोनॉमिस्ट अरविंद विरमानी पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे।

नीति आयोग में शामिल 15 केंद्रीय मंत्रियों के नाम
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।
ललन सिंह-चिराग पासवान को भी मिली जगह
इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर, जिन्हें पिछले साल आयोग में शामिल किया गया था, इस साल आयोग के सदस्य नहीं बनाए गए हैं।
क्या है नीति आयोग?
नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति (NITI) आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है। केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था। योजना आयोग देश के विकास से संबंधित योजनाएं बनाने का काम करता था।
नीति आयोग सरकार के लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार करने में अहम रोल निभाता है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी 2015 को नीति आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी।
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