छत्तीसगढ़राजनांदगांव 

Chhattisgarh-महाराष्ट्र बॉर्डर पर करीब 6 घंटे एनकाउंटर

UNITED NEWS OF ASIA. कांकेर/ राजनांदगांव। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मौके से हथियार और अन्य सामान भी बरामद हुआ है। फिलहाल इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है।

बताया जा रहा है कि मुठभेड़ करीब 6 घंटे तक चली है। वहीं, मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर सहित 2 जवान घायल हुए हैं। घायल सब इंस्पेक्टर सतीश पाटील महाराष्ट्र की सी-60 फोर्स के जवान हैं, उन्हें बाएं कंधे में गोली लगी है। उन्हें हेलिकॉप्टर से कांकेर के बांदे से गढ़चिरौली भेजा गया। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ कांकेर जिले के पंखाजुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जंगल में हुई है।

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के बांदे थाना से मात्र 4 किमी दूर महाराष्ट्र के छिंदवट्‌टी गांव में महाराष्ट्र पुलिस और सी-60 के जवान सुबह करीब 10 बजे सर्चिंग पर निकले थे। इसी बीच झारावंडी थाना क्षेत्र के जंगल में दोपहर करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच नक्सलियों से सामना हो गया। दोपहर में सर्चिंग के दौरान अचानक से नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। करीब 6 घंटे तक रुक-रुक कर दोनों ओर से फायरिंग जारी रही।

मुठभेड़ खत्म होने के बाद जवानों ने इलाके में सर्चिंग की। इसमें 12 नक्सलियों के शव बरामद हो गए हैं। मौके से 3 एके47, 2 इंसास, 1 कार्बाइन, 1 एसएलआर सहित 7 ऑटोमोटिव हथियार बरामद किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि सी-60 के एक पीएसआई और एक जवान को गोली लगी है। वे खतरे से बाहर हैं। माओवादियों में से एक की पहचान टिपागढ़ दलम प्रभारी डीवीसीएम लक्ष्मण अत्राम उर्फ ​​विशाल अत्राम के रूप में की गई है।

माओवादियों की आगे की पहचान और क्षेत्र में तलाशी जारी है। बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस को सूचना मिली थी कि वंडोली गांव में 12 से 15 नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। इस पर डिप्टी एसपी ऑप्स के नेतृत्व में 7 सी-60 दलों को वंडोली गांव में छत्तीसगढ़ बॉर्डर के पास भेजा गया। पखांजूर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत शुक्ला ने बताया कि मुठभेड़ में महाराष्ट्र पुलिस को बड़ी सफलता मिल सकती है।

कौन हैं सी-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को सी-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने घायलों का रेस्क्यू किया
इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस से जवान को मुठभेड़ स्थल से निकालने मदद मांगी गई। इसके बाद बांदे थाना में पदस्थ जवानों ने मुठभेड़ स्थल पहुंच बाइक से घायल जवान को बाहर निकाला। इस दौरान बांदे से 108 और डॉक्टर की टीम भी मौके में पहुंची और घायल जवान के रेस्क्यू के लिए पखांजूर में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत शुक्ला, एसडीओपी रवि कुजूर, बांदे थाना प्रभारी रामेश्वर मोरध्वज जवानों के साथ मुठभेड़ स्थल पहुंचे। बाइक और 108 में प्राथमिक उपचार देकर बांदे लाया गया, जहां से हेलिकॉप्टर से गढ़चिरौली भेजा गया।

 


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