कबीरधामछत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले में कुंआ, हैण्डपंप, सोलर पंप सहित 13538 जलस्त्रोंतों का क्लोरिनेशन और स्वच्छता अभियान शुरू

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। कबीरधाम जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा एवं आदिवासी बाहूल्य विकासखण्ड बोड़ला तथा पंडरिया सहित जिले के मैदानी विकासखण्ड कवर्धा और सहसपुर लोहारा के सभी ग्राम पंचायतों में संचालित-स्थापित सभी सार्वजनिक जलस्त्रोतों के माध्यम से स्वच्छ और निर्मल जल आपूर्ति के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार कर कार्य निष्पाद शुरू हो गया है। जिले के ग्राम पंचायतों में स्थापित एंव संचालित 13538 सभी जलस्त्रोतों को कलोरिनेशन और उनके आसपास के क्षेत्रों की साफ सफाई के लिए कार्य योजना तैयार की गई है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने इस सभी कार्यों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य अमला और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संयुक्त रूप जिम्मेदारी दी है। कलेक्टर ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत सीईओ, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को विशेष मॉनिटनिंग करने के निर्देश भी दिए है। कलेक्टर ने कहा कि ग्राम पंचायतों में संचालित सभी सार्वजनिक जल स्त्रोतों के माध्मय से ग्रामीणों को शुद्ध और निर्मल पेयजल आपूर्ति करना पंचायत के मूलभूत कर्तव्यों में शामिल है। स्थानीय स्तर पर पंचायत की टीम द्वारा विशेष कार्य किया जाना है।

राज्य शासन एवं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशों पर कबीरधाम जिले के सभी विकासखण्डों के ग्राम पंचायत एवं उनके आश्रित गांवों में संचालित सभी जल स्त्रोतों को क्लोरिनेशन करने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जिले में मौसमी बीमारियों, बरसात के दिनों में होने  वाले जलजनित बीमारियों के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने जिले के आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहूल विकासखण्डों में निवारसत सभी ग्रामों को कलस्टर बनाकर स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए है। उपमुख्यंत्री शर्मा के निर्देश पर जिले के सभी जल स्त्रोतों को क्लोरिनेशन करने का अभियान शुरू हो गया है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ बीएल राज, लोक स्वास्थ्य यांत्रकीय विभाग के अधिकारियों को संयुक्त बैठक लेकर जिले के ग्राम पंचायतों में संचालित और स्थापित जल स्त्रोतों की उपयोगिता की जानकारी ली और उनसभी जल स्त्रोतों की क्लोरिनेशन और आसपास साफ-सफाई एक अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जिले में पेयजल उपयोग के लिए 13538  जलस्त्रोतों का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें मनरेगा के तहत बने 1194 कुआ भी शामिल है।

इसके अलावा ग्राम पंचायतों में 10889 हैण्डप पंप, नलजल प्रदाय योजना 231, स्थल जलप्रदाय योजना 106, सोलर आधारित जल प्रदाय 294 और स्थापित सिंगल फेस पावर पंप 818 है। कलेक्टर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के संयुक्त कार्य प्रबंधन से सभी जल स्त्रोतों की क्लोरिनेशन करने के निर्देश दिए है। जिला पंचायत सीईओ अग्रवाल ने बताया कि जिले के पंचातय सचिव और मैदानी अमले द्वारा कार्य निष्पादन किया जा रहा है।  पीएचई कार्यपालन अभियंता जीपी गौड ने बताया कि जिले के सभी विकाखण्डों में पांच-पांच दल का गठन किया गया है, जिसके द्वारा क्लोरिनेशन का कार्य किया जा रहा है। सीएमएचओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी जलस्त्रोतों की क्लोरिनेशन का कार्य किया जा रहा है। ग्राम में सेवाए दे रही मितानिनों को भी इस कार्य में लगाया जाएगा।

 


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