लेटेस्ट न्यूज़

एलएसी पर दौड़ेगा 2000 किलोमीटर लंबा यह हाईवे, चीन से लेकर तिब्बत और म्यांमार तक जद में आ जाएगा

प्रतीकात्मक फोटो- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: पीटीआई
सांकेतिक तस्वीर

भारत ने चीन-तिब्बत और म्यांमार सीमा पर 2000 KM सीमांत राजमार्ग का निर्माण किया:दुश्मन चीन के खतरनाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए मोदी सरकार ने भारत-चीन-तिब्बत और म्यांमार की सीमा पर 2000 किलोमीटर लंबे फ्रंटियर हाईवे को बनाने की मंजूरी दे दी है। यह हाईवे अरुणाचल प्रदेश के तवांग से लेकर पूर्वी कामेंग, पश्चिमी सियांग, दोंग और हवाई होते हुए म्यांमार तक की दूरी तय करेगा। खास बात यह है कि इस हाईवे को भारत-चीन की सीमा पर बनी मैकमोहन लाइन से गुजारा जाएगा। इसके बाद सेना के हमलावर उन तक पहुंचकर संबंध बनाने में सक्षम हो जाएंगे।

तिब्बत तक भारत की पहुंच मजबूत होगी

वर्ष 1954 में जिस तिब्बत को चीन ने हथिया लिया था, अब यह सीमावर्ती राजमार्ग उस तिब्बत तक जाएगा। इसके लिए मोदी सरकार करीब 40 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और नेशनल हाईवे क्लैरिफिकेशन ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इस हाइवे के बन जाने से चीन की तरफ आकर्षित होने से भारत की पूरी सीमा सुरक्षित हो जाएगी। मैकमोहन लाइन से इस हाईवे के रहने के कारण चीन में खलबली भी टूट गई है। क्योंकि यहां तक ​​चीन अपना दावा ठोंकता है। जबकि भारत मैकमोहन लाइन को ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) बना देता है। अंग्रेजों के विदेश सचिव हैनरी मैकमोहन ने इस सीमा रेखा को पेश किया था। इसीलिए भारत ने इसका नाम मैकमोहन लाइन रखा। यही लाइन भारत और चीन के बीच का चर्या तैयार करती है। जबकि चीन ने इसे शुरू से ही खारिज कर दिया है।

सीमा पर बसेंगे और अधिक गांव
जिस तरह से चीन अपनी सीमा पर गांव पर गांव बसाता जा रहा है, ठीक उसी तरह अब भारत भी सीमा पर अधिक से अधिक गांव बसाएगा। इससे संबंधित क्षेत्रों में भारत का दावा और अधिक मजबूत हो सकता है। साथ ही कई चीनी और उसके अन्य कार्यों की निगरानी की जा रही है। अभी तक सड़कें, कांच और जीवविश्लेषण के पर्याप्त साधन नहीं होने के कारण अरुणाचल की सीमा से कई लोग पलायन को भी मजबूर हो रहे थे। मगर अब सीमा पर बसे गांवों को हाईटेक बनाया जाएगा। सभी तेरह को वाईब्रेंट गांव के तौर पर विकसित किया जाएगा। यानी सीमा पर बसे और नए बसने वाले गांवों में पक्की सड़कें, पानी, बिजली, स्कूल, अस्पताल, हाईटेक मार्केट, रोशन सेवा, 5 जी तकनीक जैसे एम्.बी.एस. ताकि ग्रामीण लोगों को किसी भी सुविधा के लिए भटकना न पड़े।

सेना की पेट्रोलिंग मजबूत होगी
भारत-चीन की सीमा पर यह हाईवे बनने से सेना की पेट्रोलिंग उन क्षेत्रों तक भी बढ़ जाएगी, जहां तक ​​अभी रास्ता नहीं दिखने से युवा गश्त नहीं कर पाएंगे। हाईवे पर जगह-जगह सेना के चौकियां और कनेक्शन सैन्य ठिकाने भी बनाए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हर घबड़ाहट की सुरक्षा के भीतर गुप्त सेना की मौजूदगी भी बनी रहती है। सीमा पर भी निगरानी तेज हो जाएगी। इससे चीनी सैनिकों की घुसपैठ से रोका जा सकता है। यह हाईवे अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए लाइफ लाइन भी साबित होगी। साथ ही चीन के सामने भारत की ग्राउंड पोजिशनिंग लाइन भी बन जाएगी, जहां से किसी भी मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम देने की भारतीय सेना की क्षमता में इजाफा होगा। टैंक और युद्धक वाहन पल भर में सीमा के करीब पहुंचकर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दें एडमीन। यह हाईवे अरुणाचल प्रदेश में पहले से बने दो हाईवे ट्रांस अरुणाचल हाईवे और ईस्ट-वेस्ट इंडस्ट्रियल कोरिडोर को भी कनेक्ट करेंगे। इससे अरुणाचल के दूर-दराज की कई बातें भी बढ़ जाएंगी।

एलएसी सेना का बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर
इस हाईवे को बनाने का मकसद चीन को जवाब देने के लिए भारतीय सेना के लिए एलएसी पर इंफ्रास्ट्रक्चर की तीव्र गति प्रदान करना है। ताकि भारतीय सेना दुश्मन चीन की हर हरकत पर नजर बनाए रखे और उसके उसी लहजे में जवाब भी दे सके। इस हाइवे के साथ-साथ पूरे एलएसी क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। ताकि सीमा क्षेत्र में कहीं भी सैनिक और सैन्य वृद्धि आसानी से तत्काल गति से पहुंच सके। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर बनाया जाएगा। वर्ष 2026 तक इस परियोजना के पूरे होने की उम्मीद है। सीमा क्षेत्र में सेना के लिए पुलों और सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा।

नवीनतम भारत समाचार

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page