कबीरधामछत्तीसगढ़

उच्च शिक्षा में भविष्य तलाश रहे युवाओं के सपने को कुचला केंद्र सरकार:-तुकाराम चंद्रवंशी

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा।  नीट के बाद अब यूजी नेट परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने पर जिला पंचायत सदस्य एवं युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष तुकाराम चंद्रवंशी ने इस केंद्र सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर शिक्षा में व्यापरीकरण बताया ।

तुकाराम चंद्रवंशी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह कोई पहली मर्तबा नही है इससे पहले भी भाजपा सरकार में पेपर लीक जून 2015 में एआईपीएमटी परीक्षा लीक,जुलाई 2016 में नीट 2 पेपर लीक,फरवरी 2017 में आर्मी रिक्रूटमेंट पेपर लीक, मई 2017 में नीट पेपर लीक,दिसंबर 2018 में गुजरात पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक,सितंबर 2020 में नेशनल लॉ एडमिशन टेस्ट पेपर लीक,नवंबर 2021 में यूपी टीईटी का पेपर लीक हुआ था ऐसे दर्जनों पेपर लीक के ज्वलंत उदाहरण है।

और अब मई 2024 में नीट और जून 2024 में यू जी सी नेट परीक्षा में पेपर लीक होना लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग चुका है देश के तमाम अभिभावकों के चेहरे पर चिंता की लकीर स्पष्ट रूप से देखी जा रही है नीट और नेट जैसे संवेदनशील परीक्षाओं में इतनी बड़ी धांधली के बाद अभी तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर कोई आमूलचूल परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है और ना ही कोई ठोस कार्यवाही की गई है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा ही अब यूजी नेट की परीक्षा में गड़बड़ी सामने आया है इसके बाद परीक्षा रद्द कर दिया गया है बार-बार परीक्षाओं में गड़बड़ी से यह साफ होता है कि केंद्र की मोदी सरकार देश के देश के लाखों छात्र-छात्राओं के प्रति संवेदनशील नहीं है और आयोजित परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने में सक्षम नहीं है केंद्र सरकार पेपर लीक जैसे गोरख धंधा चलाने वालों पर कार्यवाही करने के बजाय पर्दा डालने का काम कर रही है।

चंद्रवंशी ने कहा यूजी नेट परीक्षा के लिए देश भर के लगभग 12 लाख अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है, सालों तैयारी के बाद परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी अपने सही उत्तरों का मिलान कर रहे थे कि बुधवार को परीक्षा निरस्त होने के समाचार ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया , उच्च शिक्षा में कैरियर तलाश रहे हजारों छात्र-छात्राएं खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं केंद्र की मोदी सरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित करवाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है क्योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अपने आप में कोई संस्था नहीं है बल्कि ढ़ेरों प्राइवेट आईटी कंपनियों का बड़ा समूह है ।

यह संस्था प्राइवेट कंपनियों का मुनाफाखोरी और नकल माफिया के धन उगाही के मॉडल पर चल रही है और देश के लाखों छात्र-छात्राओं के सपनों को कुचलने का काम कर रही है अब 18 जून को हुई नेट परीक्षा की गड़बड़ी की भी आशंका के चलते रद्द की गई है तुकाराम चंद्रवंशी ने कहा केंद्र के शिक्षा मंत्री को इस लचरतंत्र की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और मोदी सरकार को अपने शिक्षा मंत्री एवं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के उच्च अधिकारियों पर 420 का अपराध दर्ज कर कारवाई करते हुए पुनः नीट एवं यूजी नेट परीक्षा आयोजित करें ।

 


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